Mahakumbh 2025: पवित्र त्रिवेणी की धरती प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा मेला महाकुंभ चल रहा है। महाकुंभ में अंतिम अमृत स्नान (Amrit Snan) 3 फरवरी को बसंत पंचमी (Basant Panchami) पर है। धर्माचार्य और ज्योतिषाचार्य अंतिम अमृत स्नान को बेहद खास मान रहे हैं। बसंत पंचमी और महाकुंभ अमृत स्नान का पावन शुभ योग अब कई सालों बाद ही होगा।
इस दिन नागा साधुओं के डुबकी लगाने के बाद आम लोग भी त्रिवेणी घाट पर स्नान करेंगे। इसके बाद 12 और 26 फरवरी को भी महाकुंभ स्नान होगा, लेकिन इसमें नागा साधु हिस्सा नहीं लेंगे। ऐसे में कुछ काम ऐसे हैं, जिन्हें अंतिम अमृत स्नान के दिन करने से आपको शुभ फल मिल सकते हैं। इससे पहले 14 और 29 जनवरी को दो अमृत स्नान हो चुके हैं।
3 फरवरी को महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान
बता दें कि महाकुंभ का अंतिम अमृत स्नान 3 फरवरी को है। बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी को मनाया जाएगा, लेकिन 3 तारीख को ब्रह्म मुहूर्त में पंचमी तिथि विद्यमान रहेगी। ऐसे में इसे बसंत पंचमी का अमृत स्नान भी कहा जा रहा है। पंडित अवधेश मिश्र शास्त्री के अनुसार 3 फरवरी को ब्रह्म मुहूर्त स्नान सुबह 5:05 से 6 बजे के बीच रहेगा और इस समय पंचमी तिथि रहेगी।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में डुबकी लगाते समय जरूर करें ये काम
डुबकी लगाते समय अपने इष्ट देव का स्मरण करें। अगर आप महाकुंभ में डुबकी लगाने जा रहे हैं तो इस दिन सही विधि से स्नान करने से आपको कई शुभ फल मिल सकते हैं। महाकुंभ में साधु-संतों के स्नान करने के बाद आपको त्रिवेणी में डुबकी लगानी चाहिए। नदी में घुटनों तक उतरने के बाद हाथ में जल लेकर संकल्प लेना चाहिए।
इसके बाद आपको ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वती। नर्मदे सिंधु कावेरी जले अस्मिन्सनिधिं कुरु’ मंत्र का जाप करते हुए 5 बार डुबकी लगानी चाहिए। ध्यान रहे कि डुबकी लगाते समय आपका मुख सूर्य की ओर होना चाहिए। डुबकी लगाते समय आपको अपने इष्ट देवता, पूर्वजों आदि का स्मरण करना चाहिए।
Mahakumbh 2025: स्नान के बाद पूजा करना शुभ
डुबकी लगाने के बाद आपको किसी मंदिर या तीर्थस्थान पर जाकर पूजा करनी चाहिए। इस तरह अगर आप महाकुंभ के दिन अमृत स्नान करेंगे तो पापों से मुक्ति मिलेगी और आपकी कई मनोकामनाएं पूरी होंगी। वहीं जो लोग महाकुंभ में डुबकी नहीं लगा पाएंगे वे घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद किसी नजदीकी मंदिर में जाकर पूजा करना भी शुभ रहेगा।
स्नान के बाद जरूर करें दान
सनातन धर्म में दान का बहुत महत्व है। दान करने से न केवल आपको आत्म संतुष्टि मिलती है बल्कि देवता और पूर्वज भी आप पर कृपा बरसाते हैं, इसलिए आखिरी अमृत स्नान के दिन स्नान के बाद आपको यथासंभव दान करना चाहिए। इस दिन आप अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान कर सकते हैं।
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Basant Panchami: पितरों का करें तर्पण
पंडित अवधेश मिश्रा शास्त्री के अनुसार इस दिन पितृ देवताओं के लिए तर्पण करना भी आपके लिए शुभ रहेगा। ऐसा करने से आपके अतृप्त पूर्वजों की आत्मा भी शांत होगी। साथ ही आपको पितृ दोष से भी मुक्ति मिलेगी। महाकुंभ के अमृत स्नान के दिन पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध करने के साथ ही पितरों से जुड़े मंत्रों का जाप करने से भी आपको लाभ मिलेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमृत स्नान के दौरान किए गए श्राद्ध कर्म पितृ पक्ष के दौरान किए गए श्राद्ध कर्म के समान ही पुण्यदायी होते हैं।