Thursday, March 13, 2025
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MahaKumbh 2025: अंतिम अमृत स्नान पर नागा साधुओं ने किया अद्भुत प्रदर्शन, बना आकर्षण का केंद्र

MahaKumbh 2025: महाकुंभ 2025 के अंतिम अमृत स्नान के दौरान नागा साधुओं के अद्भुत प्रदर्शन ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। बसंत पंचमी (Basant Panchami) के अवसर पर त्रिवेणी तट पर इन साधुओं की पारंपरिक और अनूठी गतिविधियों ने सभी का ध्यान खींचा।

अमृत स्नान के लिए अधिकांश अखाड़ों का नेतृत्व कर रहे इन नागा साधुओं का अनुशासन और पारंपरिक शस्त्र कौशल देखने लायक था। कभी डमरू बजाते तो कभी भाले और तलवार लहराते इन साधुओं ने युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। लाठी भांजते और कलाबाजी करते हुए ये साधु अपनी परंपरा और उत्साह का प्रदर्शन कर रहे थे।

MahaKumbh 2025: बसंत पंचमी पर अंतिम अमृत स्नान

दरअसल बसंत पंचमी पर अमृत स्नान के लिए निकले अखाड़ों के जुलूस में कुछ नागा साधु घोड़ों पर सवार थे तो कुछ पैदल, अपनी विशेष वेशभूषा और आभूषणों से सजे हुए चल रहे थे। जटाओं में फूल, फूलों की माला और हवा में लहराते त्रिशूल के साथ उन्होंने महाकुंभ की पवित्रता को और बढ़ा दिया।

Prayagraj: Maha Kumbh Mela 2025

आत्म अनुशासन में रहने वाले इन साधुओं को कोई नहीं रोक सका, लेकिन वे अपने अखाड़ों के शीर्ष पदाधिकारियों के आदेश का पालन करते हुए आगे बढ़े। ढोल की गूंज के बीच उनके उत्साह ने इस अवसर को और भी खास बना दिया। त्रिशूल और डमरू के साथ उनके प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि महाकुंभ सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रकृति और मनुष्य के मिलन का उत्सव है।

नागा साधुओं का अद्भूत प्रदर्शन देख मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु

जुलूस के दौरान मीडिया ही नहीं, बल्कि आम श्रद्धालुओं के मोबाइल कैमरे भी नागा साधुओं को कैद करने के लिए हवा में लहरा रहे थे। नागा भी किसी को निराश नहीं कर रहे थे, बल्कि अपने हाव-भाव से उन्हें आमंत्रित कर रहे थे। कुछ नागा तो आंखों पर काला चश्मा पहनकर आम लोगों से बातचीत भी कर रहे थे। हर कोई उनके अंदाज को कैद करना चाहता था। इतना ही नहीं, नागा साधु ढोल की थाप पर नाचते हुए अपनी परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन कर रहे थे।

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उत्साह और उमंग से भरी उनकी गतिविधियों ने भक्तों में अपार उत्साह पैदा कर दिया। नागा साधु जितने उत्साहित थे, भक्त भी उनकी हर गतिविधि को देखकर मंत्रमुग्ध थे। स्नान के दौरान भी नागा साधुओं का अंदाज निराला था। वे पूरे जोश के साथ त्रिवेणी संगम में उतरे और पवित्र जल से अठखेलियां की। इस दौरान सभी नागा आपस में मौज-मस्ती करते नजर आए। पुरुष नागा साधुओं के साथ महिला नागा सन्यासिनियां भी बड़ी संख्या में मौजूद थीं।

Prayagraj: Maha Kumbh Mela 2025

MahaKumbh 2025: महिला नागा सन्यासिनियां की भारी संख्या

पुरुष नागाओं की तरह महिला नागा सन्यासिनियां भी उसी तरह तपस्या और योग में लीन रहती हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि वे भगवा वस्त्र पहनती हैं, उसमें भी वे बिना सिले कपड़े पहनती हैं। उन्हें अपने परिवार से भी अलग होना पड़ता है। उन्हें अपने साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों का भी पिंडदान करना पड़ता है, तभी वे महिला नागा सन्यासिन बन सकती हैं। एक बार जब महिलाएं नागा सन्यासिन बन जाती हैं, तो उनका लक्ष्य धर्म की रक्षा करना, सनातन की रक्षा करना होता है। इस महाकुंभ में हर कोई उनके बारे में जानने को उत्सुक नजर आ रहा है।

महाकुंभ महज एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं…

नागा साधुओं ने अपने आचरण और प्रदर्शन से यह संदेश दिया कि महाकुंभ महज एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह मनुष्य के आध्यात्मिक और प्राकृतिक मिलन का उत्सव है। महाकुंभ की पवित्रता और आनंद का अनूठा अनुभव उनकी हर गतिविधि में झलक रहा था। महाकुंभ 2025 का यह आयोजन नागा साधुओं की अनूठी गतिविधियों और उनकी परंपराओं के कारण लंबे समय तक याद किया जाएगा।

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