MahaKumbh Stampede Case: महाकुंभ-2025 के दौरान मची भगदड़ को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) बुधवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा। भगदड़ मामले में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। हालांकि इससे पहले यह याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल की गई थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था।
जिम्मेदार अफसरों पर सख्त कार्रवाई की मांग
मुख्य न्यायाधीश ने भगदड़ की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका लंबित है। इसलिए याचिकाकर्ता अपनी बात वहीं रख सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता ने इस घटना के लिए जिम्मेदार अफसरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी। जनहित याचिका में भगदड़ में कई लोगों की मौत और घायल होने के मामले में न्यायिक निगरानी समिति गठित करने की भी मांग की गई है।
MahaKumbh Stampede Case: मौनी अमावस्या पर मची थी भगदड़
बता दें कि प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन किया गया है। दूसरे अमृत स्नान यानी मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे। यहां भगदड़ उस समय हुई जब श्रद्धालु संगम तट की ओर बढ़ रहे थे। इस घटना में 30 लोगों की मौत की आधिकारिक पुष्टि हुई जबकि 90 से अधिक घायल हुए हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
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जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन
इस हादसे की जांच के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस हर्ष कुमार की अध्यक्षता वाले आयोग में रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी वीके गुप्ता शामिल हैं। आयोग को एक महीने के अंदर मामले की जांच रिपोर्ट सौंपनी है।