Friday, November 29, 2024
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Bhopal: स्वच्छ भारत मिशन में मध्यप्रदेश ने देशभर में फहराया श्रेष्ठता का परचम

Swachh Bharat Mission: मध्यप्रदेश ने देशभर में श्रेष्ठता का परचम फहराया है। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) में मध्यप्रदेश ने साल 2023 में श्रेष्ठ राज्य के रूप में देशभर में दूसरे स्थान की रैंकिंग प्राप्त की। साथ ही राज्य के 6 शहरों ने राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त किये हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण में सफाई के मापदण्डों के अनुसार केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्टार रेटिंग भी दी जाती है।

जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने बताया कि, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता को हमेशा श्रेष्ठ स्थान पर रखा। महात्मा गांधी देश में आधुनिक तरक्की के साथ-साथ स्वच्छ भारत की कल्पना भी करते थे। महात्मा गांधी स्वच्छता को जन आंदोलन बनाना चाहते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी के इस सपने को पूरा करने के लिए वर्ष 2014 से स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की।

स्वच्छता के मामले में इंदौर बना देशभर में ब्रांड एम्बेसडर

उन्होंने कहा कि, देश में जब भी स्वच्छ शहरों की बात होती है तो लोग इंदौर का जिक्र जरूर करते है। इंदौर पिछले 7 वर्षों से हिन्दुस्तान में सर्वश्रेष्ठ शहर के रूप में पहला पुरस्कार प्राप्त कर रहा है। अब इंदौर स्वच्छता के मामले में देश में ब्रांड एम्बेसडर बन गया है। इस पुरस्कार को लगातार प्राप्त करने में इंदौर के नागरिकों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

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ओडीएफ सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले शहरों की संख्या बढ़ी

प्रदेश में ओडीएफ डबल प्लस का सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले निकायों की संख्या वर्ष 2023 में 361 हो गई है। वर्ष 2022 में यह संख्या 324 हुआ करती थी। इसी के साथ मलजल प्रबंधन के मामले में 6 शहरों को वॉटर प्लस प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। प्रदेश में खुले में शौच को स्थायी रूप से रोकने के लिए 5 लाख 79 हजार से अधिक जरूरतमंद परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय तैयार कर प्रदान किये गये हैं। इसके साथ ही प्रदेश में 20 हजार 500 से अधिक सार्वजनिक शौचालय कॉम्पलेक्स का निर्माण भी कराया गया है। स्वच्छता आंदोलन में नगरीय विकास विभाग द्वारा कचरा मुक्त शहरों के रूप में विकसित करने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। इस मामले में मध्यप्रदेश के 158 शहरों को यह प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ। इस श्रेणी में इंदौर को 7 स्टार शहर और भोपाल को 5 स्टार शहर का दर्जा प्राप्त हुआ है। प्रदेश के नगरीय निकायों में सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलिथीन को प्रतिबंधित किया जा चुका है। स्थानीय निकायों में अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश 97 प्रतिशत से अधिक उत्सर्जित अपशिष्ट का प्रसंस्करण करने में सक्षम है।

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