भोपालः मध्य प्रदेश के सतना जिले में महाविद्यालय में एक मुस्लिम छात्रा के हिजाब-बुर्का पहनकर परीक्षा देने पहुंचने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। एक तरफ जहां छात्रा से आइंदा हिजाब न पहनकर आने की लिखित में सहमति ली गई है तो वहीं हिंदवादी संगठन ने हिजाब पर रोक न लगाने पर ड्रेस कोड का पालन न करने के साथ भगवा धोती-कुर्ता पहनकर कॉलेज जाने की चेतावनी दी है। राज्य में हिजाब का पहला मामला सतना जिले से आया है,यहां के शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में परीक्षा चल रही हैं।
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शुक्रवार केा एक छात्रा जो एमकॉम तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा दे रही है, वह हिजाब पहनकर कॉलेज पहुॅची। इस पर एक छात्र अजय द्विवेदी, जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध है, उसने आपत्ति दर्ज कराई। अजय का अन्य छात्रों ने भी साथ दिया। मामले के तूल पकड़ने पर प्रभारी प्राचार्य ने छात्रा से लिखित में लिया कि वह आगामी दिनों में हिजाब पहनकर परीक्षा देने नहीं आएगी।
बताया गया है कि कालेज प्रबंधन ने छात्रा रुखसाना से उसके प्रवेष पत्र पर ही यह लिखवा लिया है कि वह अगली बार कॉलेज के ड्रेस कोड में ही आएगी। उसके बाद ही उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। दूसरी ओर हिंदू संगठन संस्कृति बचाओ मंच के नेता चंद्रशेखर तिवारी ने चेतावनी दी है कि अगर स्कूल कॉलेजों में हिजाब पर रोक नहीं लगी तो हम भी ड्रेस कोड नहीं मानेंगे। आगे कहा कि यदि हिजाब पहनकर छात्राएं आएंगी तो हमारे संगठन से नाता रखने वाले छात्र भी भगवा धोती कुर्ता पहनकर स्कूल कॉलेज पहुंचेंगे। हिजाब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ज्ञात हो कि हिजाब विवाद की शुरूआत कर्नाटक के उडुपी जिले के एक स्कूल से हुई, जहां पर कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर आने पर स्कूल में प्रवेश नहीं दी दिया गया था और इसको लेकर खूब विवाद हुआ और सरकार को स्कूल-कॉलेज कुछ दिन के लिए बंद करने पड़े थे।
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