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मधुमिता शुक्ला हत्याकांडः 16 साल बाद अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी रिहा

Madhumita murder case-Amarmani Tripathi Amarmani Tripathi- गोरखपुरः उत्तर प्रदेश के चर्चित कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को शुक्रवार को रिहा कर दिया गया। सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद डीएम कार्यालय से रिहाई का आदेश जेल प्रशासन के पास पहुंच गया। जेलर, डिप्टी जेलर आदेश की कॉपी लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हो गए। इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था रिहाई का आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार प्रशासन एवं सुधार अनुभाग के विशेष सचिव मदन मोहन ने गुरुवार को राज्य की 2018 की रिहाई नीति का हवाला देते हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई का आदेश जारी किया। गोरखपुर जेल के जेलर एके कुशवाहा ने बताया कि दोनों काफी बूढ़े हो गये हैं। उनके अच्छे आचरण के कारण रिहाई का आदेश जारी किया गया है। दोनों को जेल हिरासत से रिहा कर दिया गया है, लेकिन वे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही रहेंगे। अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई की खबर मिलते ही उनकी कर्मभूमि महराजगंज के नौतनवा विधानसभा कार्यालय पर लोगों ने जमकर जश्न मनाया। इस दौरान एक-दूसरे को मिठाई खिलाने के साथ ही आतिशबाजी भी की गई। अमरमणि के बेटे पूर्व विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने पत्रकारों को बताया कि हम 20 साल से माता-पिता को देखने के लिए तरस रहे थे। नौतनवा की जनता अपने नेता को देखने के लिए उत्सुक है। डॉक्टरों की सलाह के बाद ही पिता को अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी। ये भी पढ़ें..Amarmani Tripathi: कौन हैं अमरमणि त्रिपाठी? कभी यूपी की सियासत में चलता था सिक्का, एक गलती पड़ी भारी

भाजपा सरकार में रह चुके है मंत्री

उन्होंने कहा कि देश के संविधान ने जो अधिकार आम आदमी को दिया है, वह हमें भी मिला है। उसी के तहत जारी किया गया। संविधान, न्यायालय और देश की जनता को धन्यवाद। 20 साल तक वह अपने माता-पिता के बिना लड़ाई लड़ रहे थे। आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर (अब नौतनवा) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित अमरमणि त्रिपाठी कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में मंत्री रहे हैं। इसके अलावा वह सपा और बसपा में भी रहे। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेलम त्रिवेदी की पीठ ने कवि की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर राज्य सरकार, अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।

13 मई 2022 दायर की थी दया याचिका

कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में 24 अक्टूबर 2007 को देहरादून की एक विशेष अदालत ने अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 18 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा। 13 मई 2022 को मधुमणि की ओर से अच्छे आचरण के कारण सजा में माफी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दया याचिका दायर की गई थी। 21 नवंबर 2022 को रिहाई का आदेश दिया गया था। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)