उत्तर प्रदेश

पुलिस मुख्यालय से दुरूस्त होगी लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था

लखनऊः यूपी सरकार राज्य के प्रमुख शहरों में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए पुलिस मुख्यालय (सिग्नेचर बिल्डिंग) में एक केंद्रीय कमान और नियंत्रण केंद्र स्थापित कर रही है। एडीशनल डीजी ट्रैफिक बीडी पॉल्सन ने बताया कि सेंटर का निर्माण पूरा होने वाला है और जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका उद्घाटन करेंगे। पॉल्सेन ने कहा कि सेंटर को राज्य के उन प्रमुख शहरों के इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) से जोड़ा जा रहा है, जहां ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। गूगल मैप्स के जरिए स्थानीय ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को जाम के बारे में तुरंत अलर्ट मिल जाएगा। इसके साथ ही लोगों के फीडबैक से जैसे हेल्पलाइन नम्बर, व्हाट्सएप नम्बर, लैंडलाइन नम्बर, सोशल मीडिया के जरिए मिली जानकारी से जाम हटवा दिया जाएगा। सर्वानंद सिंह यादव डिप्टी डायरेक्टर टै्रफिक एंड रोड सेफ्टी ने बताया कि इसके अलावा आईटीएमएस जिन शहरों में लगे हैं, वहां इससे फीड आएगी। अभी यह प्रक्रिया चल रही है, जैसे ही फीड आने लगेगी वैसे ही सेंट्रल यूनिट को लाइव ट्रैफिक की जानकारी होने लगेगी। जहां जाम लगेगा, वहां इसको हटाने के लिए निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही मैप माई इंडिया की मदद से फीडबैक मिलती रहती है। जिसकी मदद लेकर ट्रैफिक जाम को कैसे खत्म किया जाए, इसके निर्देश भी मुख्यालय से दिए जाएंगे। एकत्रित आंकड़ों का विश्लेषण करके यह निर्धारित करना संभव होगा कि किस समय किस सड़क पर भीड़-भाड़ होती है। इससे भीड़-भाड़ के मूल कारणों की पहचान करने और समाधान लागू करने में सुविधा होगी। इसके अलावा अगले चरण में देश के बाकी शहरों, राष्ट्रीय राजमार्गों आदि को भी जोड़ा जाएगा। पॉल्सन ने कहा कि कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। सूचना मिलने के बाद जाम खत्म करने के लिए डीजीपी का निर्देश है कि दो कांस्टेबल या दो टीएसआई कुछ नहीं कर सकते हैं। अगर कोई बड़ा चौराहा है और ट्रैफिक भारी-भरकम रहता है, तो ऐसे में सम्बधित थाने में सूचना दी जाएगी, जहां से अतिरिक्त पुलिसकर्मी भेजकर जाम को खत्म कराने की कोशिश की जाएगी। यह भी पढ़ें-निजी वाहनों का कॉमर्शियल उपयोग करने वालों पर कसा शिकंजा राजधानी की सड़कों पर जाम बना नासूर राजधानी की यातायात व्यवस्था पर नाकों चने चबाने के बाद भी पुलिस लगने वाले जाम से जनता को मुक्ति नहीं दिला सकी। चरक चौराहा, दुबग्गा, पीजीआई, कैसरबाग, अमीनाबाद, रकाबगंज, चारबाग, निशातगंज, महानगर आदि राजधानी के ऐसे क्षेत्र हैं, जहां आए दिन जाम में एम्बुलेंस के फंसने की खबर आती रहती है। इतना ही नहीं कभी-कभी तो हजरतगंज में भी एम्बुलेंस के फंसने की बात सामने आती है। कई अस्पतालों ट्रॉमा सेंटर, बलरामपुर अस्पताल, लॉरी, लोहिया के मरीजों की जाम में फंसने की वजह से मौत हो जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक कई बार अस्पतालों के सामने से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दे चुके हैं, लेकिन हर बार नतीजा सिफर ही रहा है। डीएम कार्यालय के बाहर अक्सर लगता है भारी जाम जिलाधिकारी कार्यालय के पास सड़क के दोनों ओर वाहनों की अवैध पार्किंग है, जिसकी वजह से इस रूट पर वर्किंग टाइम पर अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। इसी रूट से जब भी कोई बस इत्यादि गुजरती है, तो घंटों जाम लगना तय है। इस रूट पर जाम से निजात दिलाने के लिए कभी कोई पुलिस वाले की ड्यूटी नहीं लगाई जाती। राजधानी लखनऊ की सड़कों पर लगे जाम की वजह से सरोजनीनगर निवासी वेद प्रकाश को अस्पताल ले जा रही एम्बुलेंस सोमवार 28 अगस्त को जाम में फंस गई। सही समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण वेद प्रकाश की मृत्यु हो गई। कैसरबाग स्थित इंदिरा गांधी नेत्र चिकित्सालय में अचानक ही वेद प्रकाश की तबीयत बिगड़ी। परिवार के सदस्यों का दावा है कि एम्बुंलेंस को जगह-जगह जाम का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह से यह घटना हुई। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)