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Lucknow: साइबर ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर युवक ने फांसी लगाकर दी जान

cyber-fraud लखनऊः राजधानी के विकासनगर सेक्टर 3 में एक युवक पवन गिरी साइबर ठगों (cyber blackmailing) व जालसाज का शिकार होकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए। पवन को साइबर ठग ठग और जालसाज कई दिनों से ब्लैकमल कर परेशान कर रहे थे। पवन ने इस बात का जिक्र अपनी डायरी में भी किया है। उसे पहले यूट्यूब पर कमाई के नाम पर जालसाजों ने अपने जाल में फंसाया। इसके बाद हैकर्स ने उसका फोन हैक कर उसका पर्सनल डाटा तक अपनी पहुंच बनाई। फिर पर्सनल फोटो और वीडियो भेजकर पैसे रूपयों की मांग शुरू कर दी। ब्लैकमेलिंग का पूरा खेल पवन के कमरे से 51 पन्नों की मिली डायरी दर्ज है।

पहले यू-ट्यूब से कमाई का लालच देकर फंसाया

पवन ने अपनी डायरी में लिखा है कि जालसाजों ने सोशल मीडिया वेबसाइट यूट्यूब से कमाई के लालच में उससे एक लिंक पर क्लिक कराया था और इसके माध्यम से उसके मोबाइल का सारा डाटा हैक कर लिया। फिर फोन पर अश्लील फोटो और वीडियों भेज पवन पर मानसिक दबाव बनाने लगे। इसके चलते पवन तनाव में था। इसी तनाव को सहन न कर सकने की स्थिति में उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। पुलिस ने शनिवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। अभी तक की जांच में पुलिस भी ब्लैकमेलिंग (cyber blackmailing) ही सुसाइड की वजह मान रही है। ये भी पढ़ें..दुबई में भारतीय युवक की चमकी किस्मत, 25 साल तक हर माह मिलेंगे 5.5 लाख रुपये विकास नगर सेक्टर-3 निवासी पवन गिरि (45) का शुक्रवार रात घर में फांसी के फंदे पर लटका हुआ शव मिला। पवन की लास सबसे पहले उसकी पत्नी अर्चना ने देखी और परिजनों की इसकी जानकारी दी। आत्महत्या के अगले दिन शनिवार को पवन के परिजनों को उसके कमरे से पवन की हैंडराइटिंग में लिखी एक डायरी मिली। डायरी में 50 से ज्यादा पन्नों को पढ़कर परिजनों के होश फाख्ता हो गए। परिजनों ने मीडिया को बताया कि डायरी पढ़कर यह समझा जा सकता है कि पवन साइबर ठगों के जाल में फंस गए थे और वह इससे काफी परेशान थे।

चीनी लोन एप से भी जुड़ी हो सकती है घटना

डायरी में पवन ने लिखा है कि मेरा और मेरी पत्नी के आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खातों आदि की जानकारी जालसाजों के पास थी। पवन ने डायरी में लिखा है कि इसके चलते अब न पैन कार्ड बनवा पाऊंगा और मोबाइल नंबर से सभी कार्ड लिंक होने से अब वह न तो नया मोबाइल नंबर ले पाएगा न ही खाता खुलवा पाएगा। सारा पैसा भी चला जाएगा। यह बातें कई टुकड़ों में और डायरी के दो से तीन पन्नो पर लिखी है, इससे लगता है वह इसके चलते ही डिप्रेशन में थे। साथ ही एक जगह ऑनलाइन लोन की भी बात लिखी है। ऐसे में इस बात की भी आशंका है कि पवन कहीं चाइनीज लोन एप के चक्कर में तो नहीं फंस गए थे। जो लोन देकर ग्राहक को ब्लैकमेल कर वसूली करती हैं।

डायरी में लिखी हर एक बात की होगी जांच

पवन गिरी के बड़े भाई अखिलेश गिरी से बात करने पर पता चला कि पवन के द्वारा लिखी गई डायरी को पुलिस वाले ले गए हैं। वहीं मीडिया में खबर भी आई है कि डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी ने बताया कि परिजनों ने अभी तक कोई लिखित तहरीर नहीं दी है। डायरी में लिखी बातों की जांच कर हर बिंदुओं पर जांच की जाएगी। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अगर विकास नगर प्रभारी निरीक्षक विरेन्द्र त्रिपाठी से बात करने पर उन्होंने पुलिस के पास किसी भी तरह की डायरी न होने की बात कही। प्रभारी निरीक्षक का साफ कहना था कि जिस डायरी का उल्लेख मीडिया में किया जा रहा है उसको पवन गिरी के परिवार वालों ले पुलिस को नहीं दिया है। वह डायरी कहां है प्रभारी निरीक्षक इसका कोई जवाब नहीं दे सके। इसी तरह जब एसीपी गाजीपुर दिलीप कुमार सिंह को संवाददाता ने फोन कर डायरी के बारे में पूछा तो उन्होंने ने इससे अनभिज्ञता बताई और थोड़ी देर बाद फोन करने को कहकर फोन काट दिया। (रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान, लखनऊ) (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)