Sunday, December 29, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तर प्रदेशनिजी बस ऑपरेटरों के ठहराव के लिए बस अड्डा बनाने की तैयारी

निजी बस ऑपरेटरों के ठहराव के लिए बस अड्डा बनाने की तैयारी

up-electric-buses

Lucknow Transport Corporation: परिवहन निगम के बस अड्डों की तर्ज पर निजी बस ऑपरेटरों के लिए भी बस अड्डा बनाने की तैयारी है। शासन की मंशा पर इस सम्बंध में प्रस्ताव तैयार कराया गया है। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। प्रस्ताव को मंजूरी मिली, तो इससे यात्रियों को काफी सहूलियत होगी। उनके पास बस पकड़ने के दो विकल्प होंगे। एक रोडवेज के बस अड्डे से तो दूसरा निजी बसों के लिए बनने वाले बस अड्डे से। इसके साथ ही निजी बस ऑपरेटरों पर लगा अवैध

बस अड्डे से संचालन का टैग भी हटेगा।

बताते चलें कि परिवहन विभाग द्वारा निजी बस ऑपरेटरों को परमिट जारी किया जाता है। परिवहन विभाग की ओर से जारी होने वाले यात्री परमिट वाहनों के ठहराव की अभी तक कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है। ऐसे परमिट धारक निजी वाहन सड़कों पर सवारियों को बैठाने व उतारने का काम करते हैं। इस वजह से सड़कों पर जाम लगते हैं और निजी वाहनों से हादसे का भी डर बना रहता है। ऐसे परमिट धारक वाहनों के लिए परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कराया है। निजी परमिट पर संचालित हो रहे यात्री वाहनों के लिए नियम व शर्तें बनाई गई हैं। निजी बस अड्डे बनने से यात्रियों को कई फायदे होंगे। निजी बसों को पकड़ने के लिए स्थान तय हो जाएगा। यात्रियों के बैठने के लिए शेड, पीने के पानी की व्यवस्था के साथ शौचालय के भी इंतजाम होंगे।

डबल डेकर से लेकर मिनी बसों का स्टापेज तय हो जाएगा। सड़कों पर बगैर परमिट के संचालित होने वाले वाहन परमिट लेकर चलेंगे। निजी बसों के टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग पर बस पकड़ने में आसानी होगी। निजी बसों के लिए तहसील स्तर पर एक, जनपद में दो और मंडल स्तर पर तीन बस अड्डे बनाने की योजना है। इसकी निगरानी जनपद स्तर पर नगर निगम अथवा जिला प्रशासन करेगा। इनकी देखरेख में ही यह बस अड्डे संचालित किए जाएंगे। इसके बदले निजी ऑपरेटरों से निर्धारित शुल्क लिया जाएगा। राजधानी लखनऊ से बड़ी संख्या में निजी वाहन संचालित होते हैं।

इनमें लखनऊ से व लखनऊ के रास्ते निजी वाहन दिल्ली, राजस्थान, पंजाब समेत अन्य राज्यों को रोजाना संचालित किए जाते हैं। प्रतिदिन संचालित होने वाले इन वाहनों की संख्या 5,000 के करीब होगी। लखनऊ के छह रास्तों से इन छोटे-बड़े पांच हजार वाहनों का संचालन होता है। राजधानी की सड़कों पर अवैध स्टैंड बनाकर इन वाहनों का संचालन किया जा रहा है। अब 97,000 यात्री परमिट वाहनों के लिए अलग स्टैंड बनाने की कवायद की जा रही है। प्रदेश भर में परिवहन निगम के बस अड्डों की संख्या करीब 260 है। ऐसे में निजी बसों के बस अड्डे, रोडवेज के बस अड्डों के एक किमी के दायरे के बाहर बनाए जाएंगे। इस बाबत परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने भी परिवहन आयुक्त व जिला प्रशासन को पत्र लिखा था।

यह भी पढ़ें-इजरायल और हमास की जंग से संकट में Economy !

हाईवे, रिंग रोड पर बस अड्डों के लिए उपलब्ध कराएं जमीनें

शहरों के बीच और घनी आबादी में स्थित बस अड्डों के आस-पास हमेशा जाम के हालात बने रहते हैं। ऐसे बस अड्डों को शहर से बाहर किए जाने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिए हैं। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने इस बाबत बीते 18 अक्टूबर को सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। पत्र में परिवहन निगम के बस अड्डों, डिपो व इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए शहरों के बाहर हाईवे, रिंग रोड पर 10-10 एकड़ जमीन निःशुल्क उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि परिवहन निगम रोजाना 11 हजार बसों के जरिए करीब 15 लाख यात्रियों को सफर की सुविधा प्रदान कर रहा है। आगामी तीन वर्षों में अनुबंधित बसों की संख्या 25,000 करने की योजना है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें