साइबर अपराध पर नकेल कसने में अव्वल रही लखनऊ पुलिस

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लखनऊः राजधानी लखनऊ की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखना हमेशा पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है, क्योंकि यहां होने वाली घटनाएं पूरे देश में चर्चा का विषय बनती हैं। कमिश्नरेट सिस्टम के जरिए यहां कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने का बड़ा कदम उठाया गया, लेकिन गाहे-बगाहे यहां की पुलिस पर सवालिया निशान खड़े होते रहते हैं। बीते साल हुई घटनाओं ने राजधानी पुलिस की किरकिरी कराई, तो कई मामलों में पुलिस को वाहवाही भी मिली।

पुलिस आयुक्त एसबी शिरोडकर ने पिछले दिनों साल भर की उपलब्धियों को गिनाया तो दूसरी तरफ उन्होंने उन क्षेत्रों का भी उल्लेख किया, जहां सुधार की गुंजाइश बाकी है। पुलिस आयुक्त के मुताबिक, बीते वर्ष 2022 में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस ने सराहनीय कार्य किया है। कई राज्यों की पुलिस से समन्वय स्थापित कर ठगों के खिलाफ कार्रवाई की। इसके अलावा पुलिस ने इनामी अपराधियों को पकड़ने का अभियान छेड़ा हुआ है। इसी अभियान के तहत एक लाख के इनामी बदमाश राजेश सिंह उर्फ रमेश सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अभी तक 45 इनामी बदमाश पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं, लेकिन जल्द ही कानून के हाथ उनके गिरेबां तक पहुंच जाएंगे।

इनकी गिरफ्तारी के लिए नए साल में एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। कमिश्नर ने बताया कि बीते साल अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई सख्ती से की गई। इस दौरान कुल 79 मुकदमे दर्ज किए गए, तो 331 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 27 आरोपियों के 01 अरब 77 करोड़ 56 लाख 19 हजार 351 रूपए की सम्पत्ति जब्त की गई। इसके अलावा सेफ सिटी के तहत लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में कुल 99 पिंक बूथ बनाए गए। पिंक बूथ में 5,332 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें 5209 मामलों का निस्तारण भी हो गया। पिंक बूथ में मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा बीते वर्ष करीब 15 से 16 मामलों का तत्काल निस्तारण किया गया। इसके अलावा राजधानी लखनऊ में संचालित 50 अवैध टैक्सी स्टैंडों को बंद करा दिया गया। इन अवैध टैक्सी स्टैंड संचालकों के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमा भी पंजीकृत कराया गया। इस दौरान पुलिस ने 1,136 वाहनों को सीज किया, तो 5,21,796 को चालान काटा गया।

हाईवे पर जाम की समस्या

पुलिस आयुक्त के अनुसार, जिले में यातायात की समस्या सबसे बड़ी और जटिल है। हाईवे पर भारी वाहनों व जाम से निजात दिलाने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। इस टीम में कुल 106 पुलिसकर्मियों व 24 होमगार्डों को लगाया गया है। जाम से मुक्ति के लिए कई रास्ते बंद किए तो कई नए शुरू करवाए। जाम ने निजात दिलाने के लिए अयोध्या हाईवे पर सुषमा अस्पताल के पास डिवाइडर पर जो कट था, उसे बंद करा दिया गया। इसी तरह शहीद पथ तिराहे पर गडरा गांव से आलमबाग की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए रास्ता खोला गया।

रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान

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