लखनऊः 14 साल पहले जब सलीम और नेहा (बदला हुआ नाम) के बीच प्यार (Muslim) का रिश्ता जुड़ा, तो उन्हें शादी के बाद आने वाली मुसीबतों का अंदाजा नहीं था। रिश्तेदारों ने उन्हें इस कदर प्रताड़ित किया कि आज वे सुख-चैन से गुजर-बसर करने के लिए धर्मांतरण करना चाहते हैं। पांच दिन पहले राजधानी के बीबीडी थाने में गुमशुदगी की एक शिकायत पहुंची। एक रोती हुई महिला ने बताया कि उसके पति बिना बताए कहीं चले गए हैं। इसके बाद बुधवार शाम स्वत: उसके पति सलीम सकुशल वापस लौट आए।
गुमशुदगी की वजह पूछने पर उन्होंने खुद लिखी एक चिट्ठी दिखाई, जिसमें सीधा आरोप लगाया कि 'अगर उन्हें या परिवार को कुछ होता है, तो इसके जिम्मेदार उसके पिता हनीफ और बड़े भाई वसीम होंगे।' इस आरोप की वजह खंगालने पर सलीम ने कई और गंभीर आरोप लगाए। बताया कि जब उन्होंने गैर-धर्म की लड़की से प्यार किया, तभी से उसके बड़े भाई वसीम अकरम सिद्दीकी और पिता मो. हनीफ सिद्दीकी ने गैर-मजहब की लड़की को अपनाने से इनकार कर दिया।
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इंदिरानगर इलाके में वह अपना घर छोड़ दिल्ली में चचेरी दादी के घर गए। वहीं एक मौलवी से निकाह संपन्न कराया। बाद में काफी मान-मनौव्वल के बाद लखनऊ के घर में परिवार के साथ रहने की इजाजत मिल गई। लेकिन उसे पता नहीं था कि मुश्किलें यहां खत्म नहीं, बल्कि यहां से शुरू होने जा रही हैं। सलीम का आरोप है कि 2014 में उसे पारिवारिक व्यवसाय से अलग कर दिया गया। उसकी पत्नी पर हिंदू होने की वजह से अत्याचार किए गए। जबरन बीफ खाने को कहा जाता रहा। पत्नी और उसकी बच्ची पर ग़लत निगाह रखी गई। रेप और मार डालने तक की धमकी दी गई। ऐसे हालात ने उन्हें पैतृक आवास छोड़ने पर मजबूर कर दिया। वे बीबीडी थाना क्षेत्र में बीवी-बच्चे के साथ रहने लगे। पैतृक संपत्ति में से हिस्सा मांगने पर धमकियां दी गईं। अन्य भाइयों को हिस्सा मिलता रहा, पर उन्हें कुछ नहीं दिया गया।
सलीम कहते हैं कि 'मुझे ये सजा सिर्फ इसलिए दी जा रही है क्योंकि मैंने एक हिंदू समाज की लड़की से शादी की है।' वह अपने तमाम आरोपों में बड़े भाई वसीम अकरम सिद्दीकी और पिता मो. हनीफ सिद्दीकी को जिम्मेदार ठहराते हैं। गुमशुदगी के बारे में सलीम ने बताया कि वे हालात से निराश होकर कहीं पहाड़ पर जाकर आत्महत्या करने की सोच रहे थे, फिर बीवी-बच्चे की सुरक्षा का ख्याल उन्हें वापस खींच लाया। सलीम को अपने बीवी-बच्चे की सुरक्षा का हल धर्मांतरण कर हिंदू बनने में नजर आ रहा है।
उनके मुताबिक ससुराल पक्ष उन्हें गोद लेने को तैयार है, जिससे उनकी आर्थिक और सुरक्षा की स्थिति सुधर सकती है, लेकिन बड़े भाई और पिता ये भी नहीं करने दे रहे। कहते हैं समुदाय में परिवार का नाम खराब हो जाएगा। कभी फोन पर, कभी राह चलते धमकियां देते हैं, गाली-गलौज करते हैं। आरोप के मुताबिक पिछले दिनों उनके ऊपर रिवॉल्वर तानकर भी धमकाया गया। हालांकि सलीम को पुलिस-प्रशासन से मदद की काफी उम्मीद है। वे आला अधिकारियों से न्याय की मांग करेंगे। उन्होंने अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व एडवोकेट शिशिर चतुर्वेदी से भी संपर्क कर कानूनी सहायता मांगी है। जहां से उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन मिला है। उधर, सलीम की गुमशुदगी के प्रकरण पर बीबीडी थाने के अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक उमाशंकर यादव का कहना है कि 'हमें गुमशुदगी की शिकायत मिली थी, जिसपर जांच की जा रही है।'
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