लखनऊः Lucknow Development Authority (LDA) को रुक-रुक कर चलने की आदत सी पड़ गई है। कागज पर काम शुरू भी नहीं होता, लेकिन शहर में ढिंढोरा पीट दिया जाता है। एक काम को पूरा करना तो दूर उसे शुरू करने में भी दशकों लग जाते हैं। कई ऐसे काम हैं, जो कागज पर ही दौड़ रहे हैं। लोग इनको हकीकत में देखने के लिए बेहाल हैं। यदि नाम लिया जाए तो पूर्व में कई उपाध्यक्ष बदले जा चुके हैं। इन्होंने भी रिवर फ्रंट का विस्तार और इसे खूबसूरत बनाने का वादा किया था। क्रूज, हरित पट्टी, एजुकेशन हब के अलावा सबसे ज्यादा समय मोहान रोड की आवासीय योजना को लॉन्च करने में लग रहा है। करीब एक दशक से जमीन खाली पड़ी थी, लेकिन इस पर काम नहीं किया गया था। पहले 2024 में ही इसे लॉन्च करना था, बाद में नए साल में लेकिन अब इसे फरवरी के लिए टाला जा रहा है।
Lucknow Development Authority: सिर्फ कागजों पर पूरे हो रहे काम
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने करीब एक दशक पहले मोहन रोड योजना के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था लेकिन अधिकारी कागज पर ही काम करते रहे। आउटर रिंग रोड का काम जैसे ही तेज हुआ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मोहान रोड योजना को बेहतर बनाने के निर्देश दे दिए। जैसे ही काम शुरू हुआ, प्यारेपुर और कालियाखेड़ा के लोगों ने अपने अधिकारों की लड़ाई शुरू कर दी। इसका परिणाम यह हुआ कि विकास कार्य रुकने लगे।
इससे पहले एलडीए उपाध्यक्ष ने आवासीय योजना में रूचि दिखाई तो उनका भी तबादला कर दिया गया। जब-जब अधिकारी बदले गए, तब-तब काम धीमा होता गया। वर्तमान में एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के पास काम पूरा करने की जिम्मेदारी है। इन्होंने बमुश्किल किसानों के आंदोलन को शांत कराया। 2024 में प्यारेपुर के किसानों की कालियाखेड़ा के बराबर मुआवजे की मांग पर महीनों काम को ब्रेक लग गया। आउटर रिंग रोड को चालू किए महीनों बीत गए, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को लॉन्च नहीं किया गया।
लॉन्चिंग की बदल रही तारीखें
आवासीय योजना के लिए क्षेत्र में बुलडोजर चल रहे हैं। सड़कें बनाई जा रही हैं, लेकिन योजना की लॉन्चिंग की तिथि बार-बार बदल रही है। योजना के अंतर्गत 785 एकड़ की जमीन पर विकास करना है। इसमें प्यारेपुर, कालियाखेड़ा और मौदा के पास की जमीन ली गई है। बताया जा रहा है कि फरवरी में इसका मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन होना है, लेकिन अभी तक किसी तारीख पर मुहर नहीं लग सकी है। पहले 26 जनवरी को पंजीकरण खोलने के लिए अधिकारियों ने अपनी राय दी थी। इसका उद्घाटन होते ही एजुकेशन हब और ऊंची इमारतें बनाने का सिलसिला शुरू कर दिया जाएगा।
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प्लॉट का आवंटन भी शुरू कर दिया जाएगा। पहले कलियाखेड़ा और फिर प्यारेपुर की जमीन पर काम शुरू होगा। करीब 2,000 प्लाट काटे जाएंगे। पहले चरण में 200 एकड़ में ही योजना के अंतर्गत काम होगा। एक अधिकारी ने बताया कि रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण यानी रेरा की ओर से काम पिछड़ गया। औपचारिकताएं पूरी कर योजना को विकसित किया जाएगा। 05 करोड़ रुपए से अधिक के टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं।
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