Lucknow: नगर निगम का हाल सही नहीं है। सरकारी विभागों और पूंजीपतियों के प्रतिष्ठानों से टैक्स वसूलने में उसकी हालत पस्त हो रही है। कई मामलों में तो कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। मेट्रो कॉर्पोरेशन से प्रचार-प्रसार मामले को लेकर काफी दिनों तक लिखा-पढ़ी चली, लेकिन इसमें निगम को पीछे हटना पड़ा था। मेट्रो कॉर्पोरेशन के बाद अब रेलवे से लिखा-पढ़ी चल रही है। रेलवे का काफी पैसा सर्विस चार्ज के रूप में बाकी हैं। इस मामले में अब अधिकारियों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया है।
Lucknow: रेलवे विभाग पर है करोड़ों रूपए का बकाया
Lucknow में बड़े बकाएदारों के नाम खोले जा रहे हैं। इनमें एक करोड़ से अधिक के 86 टैक्स बकाएदारों से बार-बार संपर्क किया जा रहा है। इनमें से सरकारी विभाग के कई बकाएदार हैं। इनको निगम की ओर से नोटिस भेजा जा रहा है। रेलवे पर इतनी रकम बाकी है कि विभाग को इसकी पूर्ति करना भी काफी कठिन है। बताया जा रहा है कि कई करोड़ रूपए बाकी हैं। इनमें रेलवे बड़ा बकाएदार है। शहर की मेयर सुषमा खर्कवाल ने रिकॉर्ड बैठकें की हैं।
पहले हर शुक्रवार को टैक्स की समस्याएं निपटाई जा रही थीं। निगम के अधिकारियों ने जब पुराने पन्ने खोले, तो उसमें रेल विभाग बड़ा बकाएदार है। इससे पहले मेट्रो कॉर्पोरेशन से प्रचार प्रसार विभाग को कानूनी दांव-पेंच चलती रही, लेकिन कॉर्पोरेशन ने प्रचार-प्रसार में मिलने वाली रकम देने से मना कर दिया। शहर के नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने भी इसमें काफी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। नगर निगम इस बार सबसे ज्यादा ध्यान हाउस टैक्स जमा करने पर लगा रहा है। हालांकि, इसके लिए महापौर का दबाव भी है। इस बार लखनऊ की सीमा बढ़ जाने से पहले लालबाग मुख्यालय में और अब वार्डों में कैंप लगाकर हाउस टैक्स जमा कराया जा रहा है।
Lucknow: छुट्टी के दिन भी लगेंगे वसूली कैंप
बड़े अधिकारियों का आदेश था कि छुट्टी के दिन भी वसूली के लिए कैंप लगाए जाएं। इसमें तमाम स्थानों पर केवल जूनियर ही मौजूद थे। बहरहाल, कर्मियों ने इस बार रिकॉर्ड बनाने में कामयाबी हासिल की है। रविवार को 36 स्थानों पर कैंप लगाने का आदेश मिला था। लखनऊ के विभिन्न स्थानों पर कैंप लगाए गए थे। इसी अवकाश के दिन 74 लाख रूपए की रिकवरी की गई। करीब 1,200 लोग कैंपों में पहुंचे। अभी शहर में कई करोड़ रूपए बकाया हैं।
यह भी पढ़ेंः-ABS तकनीक बढ़ाएगी ट्रेनों की रफ्तार, बेवजह नहीं पड़ेगा रोकना
मध्यम वर्ग के लोगों के साथ निगम के अधिकारी और कर्मचारी अच्छा बर्ताव भी कर रहे हैं। यदि किसी भी व्यक्ति का टैक्स ज्यादा आया है या किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत पहुंची तो कर्मियों ने उसे मौके पर ही ठीक करने की कोशिश की इसीलिए इस बार के कैंप काफी सफल माने जा रहे हैं। इधर महापौर का कहना है कि महीने में एक बार ही सही, मुख्यालय में कैंप लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाना जरूरी है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)