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TMC को अल्पसंख्यक वोट खोने का डर, ममता बनर्जी ने 17 मार्च को बुलाई नेताओं की अहम बैठक

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद सागरदिघी में हुए उपचुनाव में तृणमूल प्रत्याशी की हार और उसके बाद अल्पसंख्यक नेताओं द्वारा पुलिस पर सवाल उठाना पार्टी को रास नहीं आ रहा है। आने वाले पंचायत चुनाव और उसके बाद के लोकसभा चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक के खत्म होने का डर है। इसको लेकर पार्टी सुप्रीमो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 17 मार्च को पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। ममता के मंत्रिमंडल में मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने हाल ही में पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाया था और चेतावनी दी थी कि वह राज्य प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेंगे। तृणमूल विधायक रेजाउल करीम ने पार्टी की आंतरिक गुटबाजी और प्रशासन के दुरुपयोग को लेकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की चेतावनी दी है। इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के विधायक नौशाद सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद सभी दलों के नेताओं ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की. अल्पसंख्यकों के लिए पोल का काम करने वाले फुरफुरा शरीफ के पीरजादा ने साफ कर दिया था कि अब मुस्लिम समुदाय ममता का साथ नहीं देगा। इसके बाद ही सागरदिघी उपचुनाव में तृणमूल प्रत्याशी की 20 हजार से अधिक मतों के अंतर से हार पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गई है। यह भी पढ़ें-सांसद संजय सिंह ने सदन में उठाया केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का मद्दा,... तृणमूल सूत्रों ने बताया कि 17 मार्च को होने वाली बैठक में पार्टी की पंचायत चुनाव रणनीति पर चर्चा होगी। उसके बाद लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा होगी। हालांकि पार्टी के अंदर के सूत्रों ने बताया है कि अल्पसंख्यक वोट बैंक को लेकर भी अहम चर्चा होनी है। इसमें फिरहाद हकीम, कुणाल घोष के साथ ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी और पार्टी के अन्य नेता शामिल होंगे। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)