मध्य प्रदेश

प्रजा का हाल जानने चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण निकले भगवान महाकाल

Lord-Mahakal उज्जैनः कार्तिक अगहन माह में निकलने वाली शोभा यात्रा के क्रम में सोमवार की शाम विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल (Mahakal) की कार्तिक अगहन माह की तीसरी सवारी धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान अवंतिकानाथ बाबा महाकाल ने चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण किया और अपनी प्रजा का हाल जाना। सवारी में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप के दर्शन किये।

चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले भगवान चंद्रमौलेश्वर

सवारी निकलने से पहले शासकीय पुजारी पं।घनश्याम शर्मा ने महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित सभामंडप में भगवान महाकालेश्वर के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप की विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके बाद शाम चार बजे भगवान चंद्रमौलेश्वर चांदी की पालकी में विराजमान होकर नगर भ्रमण पर निकले। मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी को सलामी (गॉड ऑफ ऑनर) दी गई। बाबा महाकाल की सवारी में सबसे आगे महाकाल मंदिर का ध्वज था। पीछे पुलिस घुड़सवार दस्ता, पुलिस बैंड, सशस्त्र बल की टुकड़ी और भस्म रमैया भक्त मंडल के सदस्य शिव के प्रिय वाद्ययंत्र झांझ डमरू की मंगल ध्वनि करते हुए शामिल हुए। ये भी पढ़ें..नहीं कम हो रही राजधानी के वाहनों की रफ्तार, होंडा सिटी ने पुलिसकर्मी को रौंदा, हालत गंभीर महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि सवारी मंदिर से अपने निर्धारित मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बख्शी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शाम छह बजे शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां जीवनदायिनी क्षिप्रा के जल से भगवान चंद्रमौलेश्वर का अभिषेक किया गया और मां शिप्रा की पूजा-अर्चना की गयी। यहां से सवारी गणगौर दरवाजा,सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, गुदरी बाजार होते हुए पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंची।

11 दिसंबर को निकाली जाएगी शाही सवारी

जुलूस में तोपखाना, कड़ाबिन, पुलिस बैंड, घुड़सवार एवं सशस्त्र पुलिस बल के जवान आगे चल रहे थे। शाही सवारी के बाद भक्तों ने चांदी की पालकी में विराजमान भगवान महाकाल के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप के दर्शन किये। अवंतिकानाथ की एक झलक पाने के लिए सवारी मार्ग पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। कई स्थानों पर पालकी की पूजा की गई। अब कार्तिक-अगहन माह की शाही सवारी 11 दिसंबर को निकाली जाएगी। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)