LokSabha Elections 2024: आकलन के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने मार्च के पहले सप्ताह में ही शनिवार देर शाम लोकसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची घोषित कर दी है। इसमें कोरबा लोकसभा भी शामिल है, जहां कांग्रेस की ज्योत्सना चरणदास महंत मौजूदा सांसद हैं। कांग्रेस के विजय रथ को रोकने के लिए बीजेपी ने राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व राज्यसभा सांसद और कोरबा की पूर्व कार्यकारी सांसद सरोज पांडेय को कोरबा से टिकट दिया है। सरोज पांडे को टिकट दिए जाने से जिले का भाजपा खेमा हैरान है। कहीं खुशी तो कहीं गम के हालात हैं।
सर्वविदित है कि कोरबा लोकसभा से भी ऐसे लोगों की कमी नहीं थी जो विधानसभा चुनाव के बाद से ही लोकसभा के टिकट की दौड़ में केंद्रीय नेताओं के पीछे सक्रिय थे और खुद पर भरोसा रखते थे कि उन्हें टिकट मिलेगा। लेकिन, उम्मीदों के बिल्कुल विपरीत है और कोरबा लोकसभा के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से एक भी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी नहीं बनाये जाने से निराशा है। लेकिन, संगठन के निर्देशों का पालन करते हुए भाजपाइयों को यह बात दिमाग में है कि कौन सुनेगा और किसे सुनाना है, इसलिए वे चुप हैं।
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ये रहे टिकट के दावेदार
टिकट के प्रबल दावेदारों में विकास महतो, जोगेश लांबा, अशोक चावलानी, देवेन्द्र पांडे, डॉ. राजीव सिंह, हितानंद अग्रवाल, कोरिया-बैकुंठपुर जिला अध्यक्ष कृष्ण कुमार जयसवाल, राकेश शर्मा, रघुराज सिंह उइके, रामदयाल उइके आदि नाम शामिल रहे। वे आम जनता के बीच अपने लिए माहौल बनाने के साथ-साथ संगठन में भी काफी सक्रियता और मुखरता से काम करते नजर आए, लेकिन शीर्ष संगठन की नजर में इनमें से कोई भी दावेदार खुद को कोरबा लोकसभा के लिए योग्य साबित नहीं कर सका। दावेदार भले ही खुलकर कुछ न कहें लेकिन दबी जुबान में यह बात जरूर सामने आ गई है कि हमने संगठन का क्या नुकसान किया है? विधानसभा सीट भी नहीं मिली और लोकसभा का टिकट भी गंवा दिया है।
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