उत्तर प्रदेश राजनीति

Loksabha election 2024: यूपी की वो सीट जहां कोई भी लगातार दोबारा नहीं बना सांसद

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Loksabha election 2024, मेरठः पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अमरोहा लोकसभा सीट से चुनाव जीतना बीजेपी के लिए हमेशा मुश्किल रहा है। इस सीट पर बीजेपी तीन बार जीत चुकी है। इस सीट का दिलचस्प पहलू यह है कि 1980 के बाद कोई भी नेता लगातार दो बार अमरोहा से चुनाव नहीं जीता है। 2024 के चुनाव में कांग्रेस के दानिश अली के सामने इस मिथक को तोड़ने की चुनौती है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे अहम सीट

मुरादाबाद मंडल के अंतर्गत आने वाली अमरोहा लोकसभा सीट पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अहम सीटों में गिनी जाती है। इस सीट से कांग्रेस, सपा, बसपा, बीजेपी और निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं। 1957 और 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस के हिफजुल रहमान चुनाव जीतकर संसद पहुंचे, जबकि 1967 और 1977 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के इशाक संभली चुनाव जीते। चंद्रपाल सिंह ने 1977 में भारतीय लोकदल के टिकट पर और 1980 में जनता पार्टी सेक्युलर के टिकट पर लगातार दो चुनाव जीते। उसके बाद से लगातार दो बार भी अमरोहा के मतदाताओं ने किसी सांसद को नहीं चुना है। यहां के मतदाता हर चुनाव में अपना जन प्रतिनिधि बदल देते हैं।

1984 में कांग्रेस के रामपाल सिंह जीतकर पहुंचे थे संसद 

1984 में कांग्रेस के रामपाल सिंह चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद अब कांग्रेस भी अमरोहा में जीत के लिए तरस रही है। इस बार कांग्रेस के पास सपा गठबंधन से दोबारा चुनाव जीतने का मौका है। कांग्रेस ने बसपा से निलंबित सांसद कुंवर दानिश अली को मैदान में उतारा है। 1989 में अमरोहा की जनता ने जनता दल के हरगोविंद को अपना जन प्रतिनिधि चुना। 

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1991 में पहली बार खिला कमल 

1991 में इस सीट पर पहली बार कमल खिला और बीजेपी के पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान सांसद बने। 1996 में समाजवादी पार्टी के प्रताप सिंह ने जीत हासिल कर सपा का खाता खोला। 1998 में बीजेपी के चेतन चौहान फिर जीते। 1999 में बसपा के राशिद अल्वी को मतदाताओं ने विजेता का ताज पहनाया।

2004 में सभी दलों को हराकर निर्दलीय हरीश नागपाल सांसद बनने में सफल रहे। 2009 में हरीश नागपाल के भाई देवेन्द्र नागपाल रालोद-भाजपा गठबंधन से सांसद चुने गये। 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी के कंवर सिंह तंवर ने कमल का फूल खिलाया था। 2019 में कंवर सिंह तंवर को बसपा के कुंवर दानिश अली ने हराया था। 

कांग्रेस के कुंवर दानिश के पास मिथक तोड़ने की चुनौती

इस बार 2024 में कांग्रेस-सपा गठबंधन से अमरोहा सीट से कुंवर दानिश चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने 1980 से चले आ रहे मिथक को तोड़कर लगातार दूसरी बार सांसद बनने की चुनौती है। बीजेपी के कंवर सिंह तंवर और बीएसपी के मुसाहिद हुसैन इस चुनौती को तोड़ने की कोशिश में हैं।

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