Lok Sabha Elections 2024, कासगंजः लोकसभा का कार्यकाल मई में पूरा होने जा रहा है। जिसको लेकर नेताओं की सक्रियता बढ़ गयी है। सत्ताधारी दल समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता आम जनता के बीच पहुंचकर अपना चेहरा चमका रहे हैं और डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। वे नाराज अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। क्षेत्र में गम और खुशी के माहौल में भी भागीदारी निभायी जा रही है।
पिछले पांच वर्षों में कभी-कभार क्षेत्र का दौरा करने वाले जन प्रतिनिधि अब लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में सांसद राजवीर सिंह राजू भी सक्रिय हो गए हैं। नाराज कार्यकर्ताओं को मनाया जा रहा है। हाल ही में उन्होंने पूर्व पालिकाध्यक्ष शशि लता चौहान सायरा, पूर्व पालिकाध्यक्ष कैलाश चंद्र कटारे समेत जिले के विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े पदाधिकारियों को पार्टी में शामिल किया है। संघ कार्यकर्ता और बीजेपी में प्रभाव रखने वाले नेता भी ज्ञान तिवारी के आवास पर पहुंचे और उनकी सराहना की।
सैनिक के घर लगा नेताओं का आना-जाना
ग्राम नैरथा निवासी आर्मी जवान राजेंद्र सिंह यादव की मौत के बाद सांसद उनके घर पहुंचे और शोक संवेदना व्यक्त की। पार्टी द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। रात्रि विश्राम पटियाली में भी किया है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी देवेश शाक्य भी लोगों से संपर्क करने में जुटे हुए हैं।
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अधिकारियों और जिला स्तर के बड़े नेताओं के समझाने का सिलसिला जारी है। वे लोगों के गमी और मांगलिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। हालांकि बसपा और कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन पार्टी पदाधिकारी लगातार लोगों के बीच अपनी सक्रियता दर्ज करा रहे हैं।
मंचों पर दिख रही परस्पर विरोधी
जिले में लगातार हो रहे राजनीतिक कार्यक्रमों या फिर विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित मंचों पर विरोधी पक्ष एक साथ नजर आ रहे हैं। जो नेता एक जैसी जाति के होने के बावजूद कभी समान विचारधारा वाले लोगों से नहीं मिलते थे, वे भी एक मंच पर नजर आ रहे हैं। इससे साफ है कि आगामी लोकसभा चुनाव में एक नया समीकरण उभरेगा। इस तरह के प्रमाण आए दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के मंच पर देखने को मिल रहे हैं।
सियासी दांव-पेज के मिल रहे प्रमाण
लोकसभा चुनाव को लेकर जिले में विभिन्न राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गयी है। ऐसे में राजनीतिक जोड़-तोड़ का सबूत देखने को मिल रहा है। लोकसभा चुनाव में एक-दूसरे को पटखनी देने के मकसद से नेताओं की कुटिल चालें सामने आ रही हैं। सत्ताधारी दल हो या कोई अन्य राजनीतिक दल, ऐसी चालें खेली जा रही हैं।
विभिन्न राजनीतिक दलों के स्थानीय नेता संभावित प्रत्याशियों के खिलाफ अंदरखाने विरोध करने में जुटे हैं। मौजूदा सांसद राजवीर सिंह राजू के खिलाफ भी स्थानीय नेताओं द्वारा कुचक्र रचा जा रहा है। वहीं सपा के घोषित प्रत्याशी देवेश शाक्य को भी गैर जिले का प्रत्याशी बताकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
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