उत्तर प्रदेश राजनीति लोकसभा चुनाव 2024

UP में पहले फेज का चुनाव प्रचार थमा, 8 सीटों पर कई दिग्गजों के भाग्य का होगा फैसला

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लखनऊः लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को है। इसके चलते बुधवार शाम 6 बजे प्रचार थम गया। पहले चरण में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में कई राजनीतिक हस्तियों की परीक्षा होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा कि मतदान समाप्ति तक कोई भी चुनाव प्रचार संबंधी गतिविधियां संचालित नहीं की जाएंगी।

इन सीटों पर होगा पहले चरण का मतदान

निर्वाचन क्षेत्र में सभी राजनीतिक दलों के बाहरी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों की उपस्थिति प्रतिबंधित रहेगी। मतदान खत्म होने से 48 घंटे पहले यानी 17 अप्रैल शाम 6 बजे तक ही प्रचार का समय तय किया गया था। पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (उत्तर प्रदेश), मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होना है। 'इंडिया' गठबंधन ने आठ में से सात सीटों पर सपा और एक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार उतारे हैं।

इसी तरह एनडीए की ओर से सात सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर आरएलडी के उम्मीदवार हैं। बसपा ने सभी आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। शुक्रवार को होने वाले मतदान में केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान, योगी सरकार में लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद, कैराना से बीजेपी सांसद प्रदीप चौधरी, नहटौर से एनडीए प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे मीरापुर से रालोद विधायक चंदन चौहान, बिजनौर से चुनाव लड़ रहे हैं। नगीना से बीजेपी उम्मीदवार। विधायक ओम कुमार शामिल हैं।

इस बार इन सीटों पर बदल गया समीकरण

इस बार पहले चरण की सीटों पर समीकरण बदल गए हैं। पिछले दो चुनावों से सपा के साथ लड़ रही आरएलडी इस बार बीजेपी के साथ है। बसपा अकेले मैदान में उतरी है। पीलीभीत से बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काट दिया है और यूपी सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है।

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इंडिया अलायंस से सपा प्रत्याशी भगवत सरन गंगवार मैदान में हैं। बसपा ने अनीस अहमद खान उर्फ फूलबाबू पर दांव लगाया है। 2019 में वरुण गांधी ने यहां से भारी अंतर से जीत हासिल की है। सत्तारूढ़ बीजेपी ने सहारनपुर सीट पर राघव लखनपाल पर दांव लगाया है। कांग्रेस उम्मीदवार इमरान मसूद हैं। बसपा ने यहां से माजिद अली को मैदान में उतारा है। 2019 के चुनाव में यह सीट बसपा के खाते में थी। हाजी फजीलुर्रहमान ने यहां से बसपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। रुचि वीरा मुरादाबाद में इंडिया अलायंस एसपी से उम्मीदवार हैं।

बीजेपी ने सर्वेश सिंह को तो बीएसपी ने इरफान सैफी को अपना उम्मीदवार बनाया है। सपा ने मौजूदा सांसद एस।टी। पहले हसन को मैदान में उतारा गया और फिर उनका टिकट काट दिया गया। 2019 में यह सीट सपा के खाते में थी। इस बार रामपुर सीट पर आजम खान का कोई दखल नहीं है। इस बार सपा ने अपनी पसंद का उम्मीदवार भी नहीं उतारा है।

बीजेपी ने घनश्‍याम लोधी पर दांव खेला है। इस बार सपा ने रामपुर से दिल्ली के इमाम मोहिबुल्लाह नदवी पर दांव लगाया है। बसपा ने जीशान खान को टिकट दिया है। इस सीट से 2019 में सपा के कद्दावर नेता आजम चुनाव जीते थे, लेकिन दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें यह सीट छोड़नी पड़ी थी। यहां से बीजेपी के घनश्‍याम लोधी ने उपचुनाव जीता था। इस बार सीट बरकरार रखने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ दो बार यहां प्रचार करने आ चुके हैं।

कैराना सीट पर दिलचस्प होगी लड़ाई

कैराना सीट से बीजेपी ने प्रदीप चौधरी, एसपी ने इकरा हसन और बीएसपी ने श्रीपाल राणा को मैदान में उतारा है। कैराना से सपा प्रत्याशी इकरा हसन कैराना के पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी और कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन की छोटी बहन हैं। इकरा हसन की मां भी सांसद रह चुकी हैं। 2019 में बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप चौधरी ने चुनाव लड़ा था और बड़ी जीत हासिल की थी। इस सीट पर बसपा ने लड़ाई त्रिकोणीय बना रखी है।

मुजफ्फरनगर में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को तीसरी बार मौका दिया है। सपा ने हरेंद्र मलिक और बसपा ने दारा सिंह प्रजापति पर दांव लगाया है। बीजेपी ने बिजनौर सीट आरएलडी को दे दी है। रालोद ने यहां से अपने विधायक चंदन चौहान को मैदान में उतारा है। सपा ने दीपक सैनी और बसपा ने चौधरी विजेंद्र सिंह को टिकट दिया है। 

यहां से 2019 में एसपी-बीएसपी गठबंधन से बीएसपी के मलूक नागर ने चुनाव जीता था। नगीना सीट पर बीजेपी, एसपी, बीएसपी और आजाद पार्टी ने मुकाबला बेहद कड़ा बना रखा है। बीजेपी ने ओम कुमार, एसपी ने मनोज कुमार और बीएसपी ने सुरेंद्र पाल सिंह को मैदान में उतारा है। आज़ाद समाज पार्टी के प्रमुख चन्द्रशेखर सपा में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति थे। बाद में वह खुद ही अपना हाथ आजमाता है।

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