बिलासपुर: 2000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर समेत चार लोगों की जमानत याचिका शुक्रवार को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। सुनवाई के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी की अदालत ने अनवर ढेबर की नियमित याचिका खारिज कर दी और उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया।
कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नितेश पुरोहित और उत्पाद विभाग के पूर्व विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी की ओर से हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। चारों आरोपियों को हाल ही में ईडी ने गिरफ्तार किया था। अरुणपति त्रिपाठी, नीतीश पुरोहित और पप्पू ढिल्लन के साथ अनवर ढेबर की अंतरिम जमानत भी खारिज कर दी गई है। ईडी ने अनवर ढेबर को 2 हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले का दोषी करार दिया है। गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य कारणों से ढेबर को हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था।
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ईडी ने मई महीने में अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था और कहा था कि साल 2019 से 2022 तक शराब के जरिए 2000 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई है। जिसे अपने साथी विकास अग्रवाल के माध्यम से दुबई में खर्च किया था। ईडी की ओर से कहा गया कि अनवर ने अपने से जुड़े लोगों को प्रतिशत के हिसाब से पैसे बांटे और बाकी बड़ी रकम अपने राजनीतिक आकाओं को दी। इसके बाद इस मामले में आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित और अरुणपति त्रिपाठी को भी गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में ईडी ने अरुणपति त्रिपाठी और अधिकारी अनिल टुटेजा की 121।87 करोड़ रुपये की 119 अचल संपत्तियां जब्त की हैं। शराब घोटाला मामले में अब तक राज्य में 180 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
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