कुदरत का कहर, यूपी में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 21 लोगों की मौत

73
lightning-wreaks-havoc

UP Weather, लखनऊः उत्तर प्रदेश के कई जिले बारिश और आकाशीय बिजली (Lightning) से प्रभावित हुए हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 24 घंटे के अंदर 21 लोगों की जान चली गई है। 18 की मौत आकाशीय बिजली गिरने से, दो की डूबने से और एक की सांप के काटने से हुई है। सबसे ज्यादा मौतें प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में हुई हैं। यहां अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 11 लोगों की मौत हो गई है।

प्रतापगढ़ में सबसे ज्यादा 11 लोगों की मौत

प्रतापगढ़ जिला प्रशासन के मुताबिक, कंधई थाना क्षेत्र के पुरुषोत्तमपुर गांव में बिजली की चपेट में आने से धान लगा रहे किसान अर्जुन (45), उनकी पत्नी सुमन (42) और कंधई के अमहरा गांव की राम प्यारी (48), हमीरपुर नीम डभा गांव निवासी विजय कुमार वर्मा (40), तिलहर डेरवा गांव निवासी आराधना (50), सैफू का पुरवा गांव निवासी अधिवक्ता पंकज तिवारी (38), अतौरिया गांव निवासी कांती (20) की जान चली गई। इसी तरह मनार गांव के शिव पटेल (25), अशोगी गांव के गुड्डू सरोज (38) और संग्रामगढ़ नया का पुरवा गांव के राम स्वरूप (65) की भी बिजली गिरने से मौत हो गई।

बिजली की चपेट में आने से कई लोग झुलसे

इसके अलावा चंदौली जिले में बारिश और बिजली (Lightning) गिरने से चौबेपुर के बभनपुरा गांव के रूपलाल (52), पन्नू साहनी (32) और कुंडा गांव निवासी दो मछुआरों की मौत हो गई। 12 लोग झुलस गए हैं। इसके साथ ही वाराणसी में दो और गाजीपुर-इटावा में एक-एक व्यक्ति की बिजली गिरने से मौत हो गई। गाजीपुर में नौ और इटावा में एक व्यक्ति झुलस गया, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। राहत विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि शासन के निर्देश पर जिलाधिकारियों को प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आपदाओं से बचाव के लिए अधिकारी और कर्मचारी गांव-गांव में चौपाल लगा रहे हैं।

ये भी पढ़ेंः-Lakhimpur Kheri News : बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने लखीमपुर पहुंचे CM योगी, किया बड़ा ऐलान

24 घंटे में 2.3 मिमी औसत बारिश हुई

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में 24 घंटे में 2.3 मिमी औसत बारिश हुई है, जो सामान्य बारिश 8.6 मिमी के मुकाबले 26.7 प्रतिशत है। इस प्रकार एक जून से 10 जुलाई तक 213.2 मिमी बारिश हो चुकी है। प्रदेश के 12 जिलों के 633 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

उधर प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि बरसात के कारण धान की रोपाई का सीजन चल रहा है। ज्यादातर लोग अपने खेतों में रहते हैं, जिसके कारण वे बिजली की चपेट में आ जाते हैं। सभी से अपील की गई है कि तेज बारिश होने पर खेत में रहने के बजाय सुरक्षित स्थान पर रहें। बारिश खत्म होने के बाद ही रोपाई करें। फिलहाल प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता देने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)