दिल्ली में वकीलों के लिए जारी रहेगी लाइफ व मेडिक्लेम इंश्योरेंस पॉलिसी, कैबिनेट ने लगाई मुहार

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Life and Mediclaim insurance policy

 

दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव के दौरान दिल्ली के वकीलों से किया अपना वादा निभाते हुए उनके लिए लाइफ और मेडिक्लेम इंश्योरेंस पॉलिसी को जारी रखने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री की अगुआई में मंगलवार को दिल्ली कैबिनेट ने ‘मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना’ को जारी रखने की मंजूरी दे दी है।

इस योजना के तहत पंजीकृत वकीलों को 10 लाख तक का जीवन बीमा के साथ ही वकीलों व उनके दो आश्रित बच्चों को पांच लाख रुपये तक का मेडिक्लेम मिलता है। कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपना वादा पूरा करते हुए वकीलों व उनके परिवारों के लिए लाइफ इंश्योरेंस और मेडिक्लेम पॉलिसी को आगे बढ़ा दिया है।

कैबिनेट बैठक में कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के तहत दिल्ली की मतदाता सूची में नामित दिल्ली बार काउंसिल के साथ पंजीकृत अधिवक्ताओं को क्रमशः ग्रुप टर्म इंश्योरेंस और ग्रुप मेडिक्लेम इंश्योरेंस प्रदान करने के लिए पूर्व की नीति को समान शर्तों के साथ जारी रखने का प्रस्ताव रखा।

साथ ही कैबिनट मंत्री ने सभी 6 जिला अदालतों में प्रिंटर ई-लाइब्रेरी की सुविधा और प्रत्येक जिला में अधिवक्ताओं और स्टाफ कर्मचारियों के लिए क्रेच सुविधा को जल्द शुरू करने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे कैबिनेट बैठक में व्यय की स्वीकृति दी गई।

कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के वकीलों से चुनाव पूर्व वादा किया था कि वकीलों और उनके परिवारों को लाइफ इंश्योरेंस और मेडिक्लेम इंश्योरेंस देंगे। केजरीवाल सरकार ने वादा पूरा करते हुए इस पॉलिसी को भी आगे बढ़ा दिया है। इसकी किश्त ग्रुप इंश्योरेंस की एलआईसी और मेडिक्लेम इंश्योरेंस की न्यू इंडिया इंश्योरेंस को जाएगी। इस संबंध में आज कैबिनेट ने फैसला लिया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने नवंबर 2020 में दिल्ली के वकीलों के लिए मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत वकीलों को 10 लाख रुपये तक का जीवन बीमा दिया जाता है। इसके अलावा वकीलों व उनके पति/पत्नी और उनके दो आश्रित बच्चों को 25 साल की उम्र तक पांच लाख रुपये तक का ग्रुप मेडिक्लेम कवरेज दिया जाता है। योजना के तहत छह जिला अदालतों में ‘क्रेच’ भी निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।

नवंबर 2020 में योजना के शुरू होने पर 24 हजार से अधिक वकीलों ने इस योजना के तहत अपना पंजीकरण कराया था। हालांकि अब इस योजना के तहत अपना पंजीकरण कराने वाले अधिवक्ताओं की संख्या 30 हजार से अधिक हो गई है।

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