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सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया का हलफनामा, उपराज्यपाल पर लगाए ये गम्भीर आरोप

नई दिल्लीः दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि इस साल की शुरुआत में उप राज्यपाल वीके सक्सेना की नियुक्ति के साथ समस्या और भी विकट हो गई है। वे दिल्ली सरकार के कामकाज को पूरे तरीके से बाधित कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ 24 नवंबर को मामले की सुनवाई करेगा।

हलफनामे में कहा गया है कि मंत्रियों के फोन करने के बावजूद नौकरशाहों ने बैठकों में भाग लेना बंद कर दिया। इतना ही नहीं अधिकारियों ने मंत्रियों के फोन उठाने बंद कर दिए। हलफनामे में कहा गया है कि अधिकारी या तो देरी करते थे या मंत्रियों के विभागों तक फ़ाइल ही नहीं भेजते थे। अधिकारियों ने मंत्रियों के आदेशों और निर्देशों की भी अवहेलना की और चुनी हुई सरकार के साथ उदासीनता के साथ व्यवहार किया। दिल्ली सरकार का कहना है कि इस साल की शुरुआत में उप राज्यपाल वीके सक्सेना की नियुक्ति के साथ समस्या और भी विकट हो गई है। उप राज्यपाल उन अफसरों को दंडित कर रहे हैं जो चुनी हुई सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं।

छह मई को कोर्ट ने इस मामले को 5 जजों की संविधान बेंच को रेफर कर दिया था। दिल्ली सरकार अधिकारियों पर पूर्ण नियंत्रण की मांग कर रही है। इस मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि यह मसला 2021 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अधिनियम में हुए संशोधन से भी जुड़ा है। केंद्र ने दोनों मसलों पर साथ सुनवाई करने की मांग की थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को संविधान पीठ को सुनवाई के लिए रेफर करने की मांग की थी।

बता दें कि 14 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में अफसरों पर नियंत्रण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने विभाजित फैसला सुनाया था। जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने अलग-अलग फैसला सुनाया था इसलिए इस मसले पर विचार करने के लिए बड़ी बेंच को रेफर कर दिया गया।

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