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Bappi Lahiri निधनः बॉलीवुड को डिस्को से रूबरू कराने वाले ‘गोल्ड मैन’ इसलिए पहनते थे इतना सोना

मुंबईः मशहूर गायक और संगीतकार बप्पी लाहिड़ी (69) का निधन हो गया। बॉलीवुड को रॉक सॉन्ग और डिस्को से रूबरू कराने वाले बप्पी लाहिड़ी ने मंगलवार रात 11 बजे जुहू स्थित क्रिटी केयर अस्पताल में अंतिम सांस ली । बप्पी दा अपनी आवाज के साथ ही भारी भरकम सोने के गहने पहनने के कारण अलग पहचान रखते थे। बप्पी दा के निधन से फिल्म जगत में शोक की लहर है। क्रिटी केयर अस्पताल की घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। वह पिछले वर्ष कोरोना संक्रमित हुए थे। तब उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह कोरोना को मात देकर घर लौट आए थे। मगर कुछ दिन पहले कोरोना ने उन्हें फिर गिरफ्त में ले लिया। उनका इलाज क्रिटी केयर अस्पताल में हो रहा था।

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बप्पी लाहिड़ी, जिन्हें व्यापक रूप से भारत में “डिस्को किंग” के रूप में जाना जाता है। बप्पी दा का जन्म 1952 में पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में शास्त्रीय संगीत में एक समृद्ध परंपरा वाले परिवार में हुआ था। कम ही लोग जानते हैं कि बप्पी दा को बचपन से ही संगीत से प्यार था। उन्होंने महज 3 साल की छोटी सी उम्र में तबला सीखना और संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। उन्होंने 19 साल की छोटी उम्र में एक संगीत निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया। उनके पिता, अपरेश लाहिड़ी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी मां, बंसारी लाहिड़ी एक संगीतकार और एक गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में पारंगत थीं। बप्पी दा ने अपने करियर का पहला गाना बंगाली फिल्म में ही गाया था। उन्हें साल 1973 में पहली बार ‘नन्हा शिकारी’ में संगीत देने का मौका मिला था।

1980 से 2000 तक अपने संगीत से लोगों को मंत्रमुग्ध किया

बप्पी दा ने 1980 से 2000 तक अपने संगीत से लोगों को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने किशोर कुमार, लता मंगेशकर, आशा भोसले, ऊषा उथुप, सुरेश वाडकर, सुदेश भोसले आदि गायकों और संगीतकारों के साथ काम किया। देश में डिस्को म्यूजिक से युवाओं को दीवाना बनाने वाले बप्पी दा अपने हाथों और अंगुलियों में भी सोने की अंगूठी और कड़े पहनते थे। बप्पी लाहिड़ी अमेरिकन रॉक स्टार एल्विस प्रेसली के बड़े फैन थे। एल्विस अपनी परफॉर्मेंस के दौरान हमेशा सोने की चेन पहना करते थे। एल्विस को देखकर बप्पी दा ने भी सोचा कि जब वो कामयाब होंगे तो अपनी अलग पहचान बनाएंगे।

बप्पी

कामयाब होकर बप्पी दा ने सोना पहना। सोने की इसी दीवानगी से उन्हें इंडिया का गोल्ड मैन तक कहा गया। बप्पी दा के रॉक और डिस्को म्यूजिक पर आज भी लोग थिरकने को मजबूर हो जाते हैं। वह फिल्म इंडस्ट्री में दो तरह का म्यूजिक कंपोज करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने करियर में कई हिट सॉन्ग गाए। साथ ही कई रिएलिटी शो में बतौर जज शामिल हुए। बप्पी दा ने सत्तर के दशक में सिल्वर स्क्रीन पर उभरे और अस्सी के दशक तक छाए रहे।

बप्पी दा के पास था इतना सोना

बप्पी लाहिड़ी अमेरिकन रॉक स्टार एल्विस प्रेसली के बड़े फैन थे। एल्विस अपनी परफॉर्मेंस के दौरान हमेशा सोने की चैन पहना करते थे। एल्विस को देखकर बप्पी दा ने भी सोचा कि जब वो कामयाब हो जाएंगे तो अपनी एक अलग पहचानबनाएंगे। कामयाब होकर बप्पी दा ने सोना पहना, जिससे उन्हें इंडिया का गोल्ड मैन तक कहा जाने लगा। इसी के साथ सिंगर ने बताया कि वो सोने को अपने लिए लक्की मानते हैं। 2014 में बप्पी लाहिड़ी के पास 754 ग्राम सोना, 4.62 किलोग्राम चांदी और 4 लाख रुपए के हीरे थे। हालांकि अब उनकी इस संपत्ति में बदलाव हो गया होगा। बप्पी दा की ही तरह उनकी पत्नी चित्रानी लाहिड़ी भी सोने और हीरों की शौकीन हैं।

उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के करियर को लॉन्च किया। बप्पी दा का बचपन से ही म्यूजिक की तरफ रुझान रहा। उन्होंने बचपन में तबला बजाना सीखा। बप्पी दा के गाए गीत- बंबई से आया मेरा दोस्त…, आई एम ए डिस्को डांसर…, जूबी-जूबी…, याद आ रहा है तेरा प्यार…, यार बिना चैन कहां रे…, तम्मा तम्मा लोगे… हमेशा लोगों की जुबां पर रहेंगे।

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