नई दिल्लीः पहली बार दुनिया के पहले लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH Prachanda) प्रचंड से दिन और रात के दौरान 70 मिमी रॉकेट और 20 मिमी बुर्ज गन दागे गए। आर्मी एविएशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एके सूरी ने एलसीएच स्क्वाड्रन की आयुध क्षमता के वास्तविक समय सत्यापन के लिए तीन हमलावर हेलीकॉप्टरों से गोलीबारी देखी।
रक्षा मंत्री ने वायुसेना के बेड़े में किया शामिल
स्वदेशी लाइट अटैक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) ‘प्रचंड’ भारतीय सेना और वायुसेना के लिए एक नई ताकत बनकर उभरा है। देश की पश्चिमी सीमा को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एलसीएच का पहला स्क्वाड्रन ‘धनुष’ पिछले साल 03 अक्टूबर को राजस्थान के जोधपुर में लॉन्च किया गया था। एचएएल से पहली खेप में मिले चार हेलीकॉप्टरों को उसी दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना के बेड़े में शामिल किया। एक साल के भीतर सेना को 05 और वायुसेना को एचएएल से 10 हेलीकॉप्टर मिले हैं, जिनका इस्तेमाल दोनों सेनाओं द्वारा किया जा रहा है। चीनी खतरे को देखते हुए सेना ने प्रचंड को असम के मिसामारी में तैनात किया है। जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) यहां से महज 250 किमी दूर है।
जल्द मंजूरी मिलने की संभावना
इसी तरह वायुसेना ने अरुणाचल प्रदेश में चार एलसीएच तैनात किए हैं, जो एलएसी के अग्रिम इलाकों को कवर कर रहे हैं। वायुसेना को एचएएल से मिले सभी 10 एलसीएच को राजस्थान के जोधपुर में बनी ‘धनुष’ स्क्वाड्रन में तैनात किया गया है। उनकी आक्रमण क्षमता को देखने के बाद सेना और वायुसेना ने 156 और एलसीएच ‘प्रचंड’ की जरूरत जताई है। दोनों सेनाओं के लिए यह संयुक्त अधिग्रहण प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है। इन 156 हेलीकॉप्टरों में से 66 भारतीय वायुसेना को और 90 भारतीय सेना को दिए जाएंगे। सेना को एलसीएच ‘प्रचंड’ मिलने के बाद अलग-अलग पहाड़ी इलाकों में सात यूनिटें बनाई जाएंगी।
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हवा से हवा में भी होगा लॉन्च
एचएएल के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा था कि सेना और वायुसेना से ऑर्डर मिलने के बाद 5-6 साल के भीतर 156 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति की जाएगी। सेना को हर साल 25 एलसीएच प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टर दिए जाएंगे। पहाड़ी युद्ध के दौरान यह 16 हजार फीट की ऊंचाई पर भी पेलोड के साथ उड़ान भर सकता है और उतर सकता है। यह हेलीकॉप्टर 20 मिमी बुर्ज गन, 70 मिमी रॉकेट लॉन्चिंग सिस्टम, हवा से जमीन और हवा से हवा में लॉन्चिंग मिसाइल सिस्टम से लैस है। दो इंजन वाला एलसीएच ‘प्रचंड’ 5.8 टन श्रेणी का लड़ाकू हेलीकॉप्टर है जिसमें दो लोग बैठ सकते हैं। एलसीएच शक्तिशाली जमीनी हमले और हवाई युद्ध क्षमताओं वाला पहला स्वदेशी बहुउद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकॉप्टर है।
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