जयपुर: शहर के जी क्लब पर फायरिंग व व्यवसायियों को धमकाने के मामले में गिरफ्तार गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई की रिमांड अवधि पूरी होने पर पुलिस ने उसे वीसी के माध्यम से जयपुर मेट्रो-एक के एसीएमएम कोर्ट-9 में पेश किया। सुनवाई के दौरान लॉरेंस की ओर से अर्जी दायर कर कहा गया था कि कांग्रेस और आप जानबूझकर उन्हें झूठे मामलों में फंसा रहे हैं और इन दोनों पक्षों से उन्हें जान का खतरा है। कोर्ट ने लॉरेंस की अर्जी को रिकॉर्ड में लिया और सुनवाई के लिए 2 मार्च की तारीख तय की। इस दौरान पुलिस ने यह कहते हुए लॉरेंस का सात दिन का पुलिस रिमांड मांगा कि उन्हें रिसर्च के लिए उसकी जरूरत है।
लॉरेंस की सुरक्षा और मेडिकल को लेकर एसएचओ ने कहा कि वे कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं और लॉरेंस के मेडिकल के लिए डॉक्टरों की एक टीम भी गठित कर दी है, जो थाने में उसका मेडिकल कर रही है। वहीं लॉरेंस के अधिवक्ता दीपक चौहान ने कहा कि बुधवार को कोर्ट ने लॉरेंस की अर्जी पर पुलिस से उसकी सुरक्षा व्यवस्था और उसके मेडिकल के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन उसे पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जा रही है।
अदालत को पहले लॉरेंस ने बताया था कि वह लंबे समय से पुलिस और न्यायिक हिरासत में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में है। वह दो साल से किसी निजी व्यक्ति से नहीं मिला है तो वह किसी से रंगदारी कैसे मांग सकता है। उसे 15 जून 2022 को तिहाड़ जेल से सिद्दू मूसेवाला हत्याकांड में प्रोडक्शन वारंट पर एसटीएफ ने पुलिस हिरासत में लिया था। हर दिन उसकी वीडियोग्राफी की जाती थी और वह छह महीने से एसटीएफ रिमांड पर है। इसके बाद 21 जनवरी से वह बठिंडा जेल में न्यायिक हिरासत में है और वीडियोग्राफी व सर्विलांस पर है। ऐसे में गिरफ्तारी के दौरान भी वह निगरानी में था, ऐसे में वह अपराध कैसे कर सकता है।
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