लखनऊः उत्तर प्रदेश में कोरोना की स्थिति बेहद भयावह होती जा रही है। अस्पतालों में उपचार के लिए मरीजों को बेड नही मिल रहे हैं और वहीं कोरोना की रिपोर्ट आने में भी पांच से सात दिन का समय लग रहा है। ऐसे में प्राइवेट पैथालाॅजी सेंटर में कोविड की जांच बंद कराने से समस्याएं और भी बढ़ गयी हैं। क्योंकि सरकारी अस्पतालों में कोविड की जांच में कई दिनों का समय लग रहा है। स्वास्थ्य विभाग के ऐसे हालातों से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जोकि बेहद चिंता का विषय है। एक तरफ सरकार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने का आश्वासन दे रही है तो वहीं स्थितियां इसके बिल्कुल भी विपरीत हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाल स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब बीते सोमवार को दो घंटों तक एंबुलेंस के न पहुंचने और समय पर चिकित्सा न मिल पाने के चलते लखनऊ के इतिहासकार प्रो. योगेश प्रवीण का निधन हो गया।
इन समस्याओं के बावत प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखा है। ब्रजेश पाठक ने अपने पत्र में उत्तर प्रदेश में कोरोना की बेहद भयावह स्थिति पर चिंता जताते इस बात के संकेत दिये हैं यदि कोरोना पर शीघ्र नियंत्रण नही किया गया तो राजधानी लखनऊ में लाॅकडाउन लग सकता है।
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कानून मंत्री ने अपने पत्र में अनुरोध करते हुए कहा है कि कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए पर्याप्त बेड और जांच की संख्या बढ़ायी जाए। इसके साथ ही प्राइवेट अस्पतालों, संस्थानों और पैथालाॅजी में फिर से कोविड जांच शुरू करायी जाए और रैंडम टेस्ट भी शुरू किये जाएं। जिससे कोविड मरीजों को रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर मिल सके। उन्होंने कहा कि आईसीयू की संख्या में भी बढ़ोत्तरी की जाए जिससे गंभीर रोगियों को समय पर उपचार मिल सके और कोविड रोगियों को लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए।