ITR फाइल‍िंग की अंतिम तारीख 31 जुलाई, समय पर नहीं भरा तो लगेगी पेनाल्‍टी

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नई दिल्लीः यदि आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है तो जल्दी कर दीजिए। क्योंकि वित्त वर्ष 2021-22 और आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। आयकर विभाग ने शुक्रवार को ट्वीट करके अपील की है कि वित्त वर्ष 2021-22 और आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2022 है।

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ऐसे में करदाता अंतिम समय में भीड़ से बचने के लिए अपना आईटीआर आयकर विभाग के आधिकारिक वेबसाइट http:ncometax.gov.in#ITR पर जाकर अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। आयकर विभाग के मुताबिक आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन उन सभी करदाताओं के लिए 31 जुलाई है, जिनके खातों का ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है। जिन करदाताओं के खातों का ऑडिट करने की जरूरत है, उनके लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर है। करदाता को यह भी जानकारी होनी चाहिए कि अलग-अलग प्रकार के इनकम वाले व्यक्तियों के लिए अलग-अलग आईटीआर फॉर्म लागू होते हैं।

ITR से जुड़ी खास बातें

आयकर विभाग के अनुसार, सभी करदाताओं को 31 अगस्त 2019 तक अपना ITR जमा करना जरूरी है। यदि कोई करदाता अंतिम तारीख तक ITR दाखिल नहीं करता है तो उसे जुर्माना देना पड़ेगा।

  • आयकर विभाग के अऩुसार, 31 अगस्त 2019 के बाद 31 दिसंबर 2019 तक ITR दाखिल करने वालों को 5000 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।
  • यदि किसी करदाता की 31 दिसंबर 2019 की तारीख भी चूक जाती है तो 31 मार्च 2020 तक ITR दाखिल करने पर उसे 10 हजार रुपए का जुर्माना दाखिल करना होगा।
  • यदि आप 31 मार्च 2020 तक भी ITR दाखिल नहीं कर पाते हैं तो आयकर विभाग आपको नोटिस जारी कर सकता है।
  • ऐसे करदाता जिनकी आय 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं है उनको लेट फीस के रूप में मात्र 1 हजार रुपए ही देने होंगे।
  • निर्धारित समय-सीमा के बाद रिटर्न फाइल करने पर जुर्माने का प्रावधान बजट 2017 में किया गया था। यह नियम कर निर्धारण वर्ष 2018-19 से लागू हो गया है। यानि वित्त वर्ष 2018-19 (कर निर्धारण वर्ष 2019-20) जिसकी लास्ट डेट 31 जुलाई 2019 है पर जुर्माने का नियम प्रभावी है I
  • वित्त वर्ष (निर्धारण वर्ष 2018-19) 2017-18 का ITR फाइल करते वक्त से ही यह नियम लागू हो गया है।
  • उससे पहले संबंधित कर निर्धारण वर्ष की समाप्त होने के बाद एसेसिंग ऑफिसर के पास यह विकल्प होता था कि जुर्माना लगाना है कि नहीं।
  • अब इनकम टैक्स कानून में सेक्शन 234F डाल दिया गया है जिसके तहत लेट फाइलिंग पर कम्पल्सरी जुर्माना तय कर दिया गया है।

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