बर्लिनः रूस-यूक्रेन जंग के बीच नाटो (NATO) ने अगले महायुद्द की तैयारी कर दी है। जर्मनी के आसमान पर इस समय 250 लड़ाकू विमान गरज रहे हैं। नाटो के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास है। एक्सरसाइज ‘एयर डिफेंडर-2023’ का समापन 23 जून को होगा। नाटो के इस युद्धाभ्यास को रूस के खिलाफ युद्ध की सबसे बड़ी तैयारी माना जा रहा है। इस अभ्यास में 25 देशों के करीब 10,000 सैनिक और 250 विमान हिस्सा ले रहे हैं।
अमेरिका ने 100 विमानों को भेजा
कहा जा रहा है कि इस दौरान ये सैनिक और विमान रूस पर छद्म हमले का अभ्यास करेंगे। इस युद्धाभ्यास के लिए अकेले अमेरिका ने करीब 100 विमान और 2000 एयर नेशनल गार्ड भेजे हैं। गैर नाटो देशों स्वीडन और जापान के लड़ाकू विमान भी इस ‘एयर डिफेंडर-2023’ में हिस्सा ले रहे हैं।
जर्मन वायु सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इंगो गेरहार्ट्ज, जो अभ्यास के आयोजन में एक प्रमुख भागीदार थे, ने कहा कि अभ्यास एक संकेत था। हमारे लिए सबसे ऊपर हमारे नागरिकों की सुरक्षा है। नाटो देशों के लिए, हम शीघ्र प्रतिक्रिया देने की स्थिति में हैं। इस तरह की कवायद से हम हर तरह से गठबंधन का बचाव करने में सक्षम होंगे। गेरहार्ट्ज ने कहा कि उन्होंने 2018 में अभ्यास का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसी न किसी कारण से अभ्यास स्थगित होता रहा और अब आयोजित किया जा रहा है।
ये भी पढ़ें..Pakistan: हिंसा में शामिल दोषियों को मिलेगी सख्त सजा ! पारित हुए ये प्रस्ताव
नाटो के युद्धाभ्यास का अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ेगा भारी असर
गौरतलब है कि 12 दिनों तक चलने वाली नाटो (NATO) की इतनी बड़ी कवायद का अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी भारी असर पड़ने वाला है। जर्मनी का हवाई क्षेत्र रोजाना कई घंटे बंद रहेगा। जर्मन एयरलाइंस लुफ्थांसा की उड़ानों के साथ-साथ विभिन्न एयरलाइनों की कई उड़ानों के पुनर्निर्धारण, उनके रूट में बदलाव या कई उड़ानें रद्द किए जाने की भी संभावना है। अमेरिका और यूरोप जाने वाली रोजाना 800 से ज्यादा विमानों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)