शिमला के स्कूलों पर भूस्खलन का खतरा, नुकसान का आकलन करेगी समिति

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शिमला: इस सीजन की भारी बारिश ने शिमला शहर पर कहर बरपाया है। भूस्खलन और भूस्खलन से शहर में कई जगहें तबाह हो गई हैं। भूस्खलन से कुछ स्कूल भवनों (Shimla Schools) को भी खतरा बढ़ गया है। शहर का दयानंद पब्लिक स्कूल पिछले कई दिनों से बंद है। स्कूलों में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए सतर्क जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों के भवनों का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया है।

उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने गुरुवार को कहा कि भारी बारिश के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के साथ-साथ भूस्खलन को रोकने के उपाय सुझाने के लिए शिमला के विभिन्न संवेदनशील स्थानों और सभी स्कूल भवनों (Shimla Schools) का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस समिति में भूवैज्ञानिक अनिल कुमार सिंह राणा, गौरव शर्मा, सुरेश भारद्वाज, अतुल शर्मा सदस्य तथा सहायक भूवैज्ञानिक सुनील वर्मा सदस्य सचिव के रूप में शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह समिति जिला प्रशासन के परामर्श से सभी आवश्यक क्षेत्रों का निरीक्षण करेगी और तुरंत रिपोर्ट सौंपेगी।

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गौरतलब है कि 23 अगस्त को विभिन्न क्षेत्रों से आ रही मांग पर उपायुक्त ने निदेशक उद्योग विभाग को पत्र लिखकर शिमला शहर के सभी स्कूलों (Shimla Schools) और विभिन्न असुरक्षित स्थानों का निरीक्षण करने के लिए भूवैज्ञानिकों की एक टीम भेजने का अनुरोध किया था और उसी समय तदनुसार सुधारात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है। इस संबंध में निदेशक उद्योग विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भूवैज्ञानिकों की एक टीम नियुक्त की है। गौरतलब है कि शिमला जिले में मानसून सीजन के दौरान बारिश जनित हादसों में 56 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 60 लोग घायल हैं और छह लापता हैं।

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