Land For Job Scam, नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए तलब किया है। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने तेजस्वी को 22 दिसंबर को जबकि लालू प्रसाद को 27 दिसंबर को पेश होने को कहा है।
राजद नेताओं को ताजा समन ईडी द्वारा 11 नवंबर को मामले के सिलसिले में अमित कात्याल को गिरफ्तार करने के लगभग एक महीने बाद आया है। बताया जा रहा है कि कात्याल से पूछताछ के दौरान ईडी को लालू-तेजस्वी के खिलाफ कई नए सुराग मिले हैं।
दरअसल ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि लालू प्रसाद यादव ने 2004-2009 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी पद प्राप्त किए थे। लेकिन नियुक्ति में भ्रष्टाचार किया गया।
नौकरी के बदले जमीन
एफआईआर के मुताबिक, गरीब अभ्यर्थियों से भारतीय रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत के तौर पर जमीन ट्रांसफर करने को कहा गया था. सीबीआई ने आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है। मेसर्स ए.के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड (M/s AK Infosystem Pvt.Ltd ) आरोपियों में से एक है।
कात्याल की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने एक बयान में कहा था कि उसकी जांच में पता चला है कि कात्याल ए.के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक थे। जब लालू प्रसाद यादव की ओर से उक्त कंपनी द्वारा उम्मीदवारों की एक जमीन का अधिग्रहण किया गया था।
कंपनी का पंजीकृत पता D-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली है, जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों का घर है। रेल मंत्री रहते हुए कात्याल ने लालू प्रसाद यादव को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले उक्त कंपनी में कई अन्य जमीनें भी हासिल की थीं। ईडी ने कहा था, जमीन अधिग्रहण के बाद, उक्त कंपनी के शेयर वर्ष 2014 में लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को हस्तांतरित कर दिए गए थे।
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ईडी अब तक करोड़ों की संपत्ति कर चुकी है जब्त
इससे पहले, ईडी ने इस साल 10 मार्च को एक तलाशी अभियान चलाया था, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1 करोड़ रुपये की नकदी और लगभग 1.25 करोड़ रुपये का कीमती सामान जब्त किया गया था। ईडी ने 29 जुलाई को 6.02 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को भी अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
करीब 600 करोड़ रुपये का मामला
जांच एजेंसी ईडी के सूत्र के मुताबिक, जमीन के बदले नौकरी देने का यह मामला करीब 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का है। जांच के दौरान अब तक करीब 250 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सबूत और कई अवैध लेनदेन समेत करीब 350 करोड़ रुपये की अवैध चल-अचल संपत्तियों से जुड़े इनपुट जुटाए गए हैं।
जांच एजेंसी ने अब तक इस मामले में कई अहम सबूत जुटाए हैं, लेकिन कानूनी प्रावधान है कि आरोपियों का बयान दर्ज करना और उनके जवाबों का अध्ययन करना बहुत जरूरी है। इसलिए इस मामले में कई आरोपियों को जांच एजेंसी पिछले कुछ समय से लगातार पूछताछ के लिए बुला रही है।
बिहार में चढ़ने लगा सियासी पारा
दरअसल, जांच एजेंसी इस मामले में जानना चाहती है कि क्या उन्हें इस मामले की जानकारी थी या नहीं? इसके साथ ही लालू परिवार के कई सदस्यों के नाम की कई संपत्तियां उनके नाम कैसे हो गयीं? ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब जांच एजेंसी तलाशने में जुटी है। इस पूछताछ की खबर के बाद बिहार में सियासी पारा भी चढ़ गया है और तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
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