E-Charging Stations: प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। ई-वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रदेश सरकार शहरों में चार्जिंग स्टेशन लगाने की सुविधा देगी। ई-चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए इच्छुक लोगों को नगर निकायों द्वारा 10 साल के पट्टे पर जमीनें उपलब्ध कराई जाएंगी।
पहले चरण में प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस बाबत नगर विकास विभाग के विशेष सचिव की ओर से शासनादेश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही निकायों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों, पार्किंग स्थलों, मेट्रो स्टेशनों, बस डिपो, टर्मिनल, पेट्रोल पंपों, सरकारी, भवनों, कॉर्पोरेट भवनों, शैक्षिक संस्थानों, स्वास्थ्य संस्थानों, शॉपिंग मॉल के साथ ही कॉमर्शियल स्थानों व ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों में चार्जिंग व स्वैपिंग की सुविधा दी जाएगी। चार्जिंग सुविधाओं को लगाने के लिए सेवा प्रदाताओं को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए सरकारी संस्थाओं की जमीन 10 वर्ष के लिए लीज पर दी जाएगी।
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किराया पट्टा अवधि व राजस्व बंटवारा दर अन्य निर्धारित मानकों के माध्यम से समय-समय पर तय की जाएगी। ई-चार्जिंग व्यवस्था को बढावा देने के साथ ही शहरों में अन्य नागरिक सुविधाओं की मॉनिटरिंग प्रणाली को और पारदर्शी बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है।
यह समिति शहरों में जनता को मिलने वाली सुविधाओं की निगरानी करेगी, साथ ही यह भी देखेगी कि सुविधाएं तय समय पर मिल रही हैं या नहीं। दरअसल, प्रदेश सरकार वर्ष 2030 तक सड़कों पर पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन ही चलाना चाहती है। इसके अलावा पूरी तहर से इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की तैयारी है।
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