फिलहाल जेल की सलाखों के पीछे ही रहेंगे लालू यादव, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

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रांचीः चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने लालू को जमानत देने से इनकार कर दिया है। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में लालू की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई 4 घंटे तक चली। दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी। फिलहाल अब लालू को जेल की सलाखों के पीछे ही रहना होगा।

लालू की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि इसी तरह के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाले के कुछ सजायाफ्ता लोगों को जमानत की सुविधा प्रदान की है। सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत में कहा कि लालू ने सजा की आधी अवधि पूरी नहीं की है और यह केस दूसरे मामलों से अलग है क्योंकि जिस मामले में लालू जमानत मांग रहे है। इसमें 7- 7 साल की सजा हुई है और कुल सजा की अवधि 14 वर्ष है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बिंदुवार विस्तृत जानकारी दी कि कब-कब लालू जेल गए और कब उनके द्वारा प्रोडक्शन दिया गया। अब तक लालू ने 28 महीने 29 दिन जेल की सलाखों के पीछे बिताए हैं।

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वहीं सीबीआइ ने अदालत में कहा कि 1997 में लालू सिर्फ 91 दिनों तक ही जेल में रहे थे और अब तक सिर्फ 27 महीने 6 दिन की अवधि ही लालू के द्वारा न्यायिक हिरासत में बिताई गई है। दोनों पक्षों द्वारा अदालत को बताई गई हिरासत अवधि में 28 दिनों का अंतर दिखा। लालू के वकील प्रभात कुमार ने बताया कि दो महीने बाद फिर से फ्रेश पिटीशन डालना होगा। हाईकोर्ट का कहना है कि आधी सजा पूरी करने में अभी लगभग दो महीने बाकी हैं। लालू को फिर से बेल पिटीशन देना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि दुमका कोषागार मामले में लालू को सीबीआइ कोर्ट ने दो अलग-अलग धाराओं में सात-सात साल की सजा सुनायी थी। इसी मामले में लालू की जमानत याचिका खारिज की गई है। लालू फिलहाल दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे हैं। वह कुछ दिन पूर्व तक रांची रिम्स में भर्ती थे। यहां तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स ले जाया गया था। 23 जनवरी को उन्हें रांची रिम्स से दिल्ली एम्स रेफर किया गया था। उनकी किडनी में गंभीर शिकायत आने के बाद उन्हें एम्स रेफर किया गया था। लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले के पांच मामले चल रहे हैं। चार मामलों में उन्हें सजा मिली है। जबकि एक मामले में निचली अदालत में सुनवाई चल रही है।