शहर में बनेगा विश्व का पहला लक्ष्मण मंदिर

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Lakshman Temple: भगवान श्रीराम के नाम का मंदिर अयोध्या में बन रहा है। इसकी पहचान दुनिया के सभी धार्मिक इमारतों से अलग मानी जा रही है। इस मंदिर का इतिहास भी सदियों पुराना है। इसी तरह उनके छोटे भाई लक्ष्मण का लखनऊ से नाता रहा है, इसलिए विश्व का पहला लक्ष्मण मंदिर लखनऊ में बनने जा रहा है। इसकी नींव पड़ चुकी है।

श्रीलक्ष्मण पीठ सेवा न्यास की ओर से लक्ष्मणजी और उनकी पत्नी उर्मिलाजी के नाम का मंदिर बहादुरपुरवा में बनवाया जा रहा है। इस मंदिर का निर्माण पंडित धीरेंद्र वशिष्ठ करवा रहे हैं। वह श्री लक्ष्मण पीठ सेवा न्यास के पीठाध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि गोहनका जानकीपुरम विस्तार के लक्ष्मणपुरी धाम में लक्ष्मणजी और उर्मिलाजी के नाम का मंदिर बनाने का काम शुरू हो गया है। इस मंदिर में उर्मिलाजी तथा लक्ष्मणजी की मूर्तियां रखी जाएंगी।

यह विश्व का पहला मंदिर होगा, जिसमें उर्मिला और लक्ष्मणजी की मूर्ति रखी जाएगी। मंदिर का शिखर करीब 81 फीट ऊंचा होगा। इसे 9,000 स्क्वॉयर फीट में बनाया जा रहा है। इस मंदिर को चारों ओर से सुरक्षित करने का काम भी लक्ष्मण पीठ की ओर से ही कराया जा रहा है। लक्ष्मण मंदिर के लिए पीठाधीस खुद ही धन मुहैया करवा रहे हैं। इसका शिलान्यास भी करवाया जा चुका है।

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पीठाध्यक्ष कहते हैं कि जैसे भगवान श्रीराम अयोध्या में रहे और वहीं ज्यादा समय बिताया, ठीक उनकी तरह ही लक्ष्मण जी का भी लखनऊ से गहरा नाता रहा है। वह लखनऊ में काफी समय रहे। उनके नाम से ही शहर को जाना जाता रहा। लखनऊ को पहले लक्ष्मण नगरी और लक्ष्मण पुरी के नाम से पुकारते थे। यह ऐतिहासिक धरोहर है, इसलिए उनके नाम पर मंदिर बनाने की जरूरत है। इस शुभ काम के लिए जमीन की खरीद कई साल पहले की जा चुकी थी। धीरेंद्र वशिष्ठ बताते हैं कि जैसे-जैसे धन जुटता गया, वैसे ही मंदिर का काम भी शुरू किया जा रहा है। आने वाले समय में लखनऊ को लक्ष्मण नगरी के नाम से जाना जाएगा।

वैसे तो लक्ष्मण जी के बारे में तमाम बातें ऐतिहासिक धरोहर के रूप में रखी पुस्तकों में मिलती हैं, जिनसे यह पता चलता है कि वह लखनऊ में काफी समय रहे। वशिष्ठ जी कहते हैं कि इसे धर्म की नगरी मानना ही समझदारी है। यह कबाब के रूप में नहीं, कल्याण के रूप में विख्यात रहा है। इतिहास बताता है कि यहां वह बुद्धेश्वर महादेव मंदिर और मनकामेश्वर मंदिर स्थल पर रूके थे।

तमाम ऐसी बातें इतिहास से मेल खाती हैं, जिनसे यह प्रतीत होता है कि इसका नाम पहले लक्ष्मणनगरी ही था, बाद में इसे लखनऊ कर दिया गया। मंदिर के लिए भूमि पूजन किया जा चुका है। इमारत भी बनाई जाने लगी है। अभी इस मंदिर के लिए डेढ़ एकड़ जमीन है, आगे और उपलब्ध कराई जाएगी। महाराज बताते हैं कि यह जानकारी जुटाई जा चुकी है कि किसी भी देश में उर्मिला और लक्ष्मणजी का मंदिर नहीं है। लखनऊ के जानकीपुरम में जो मंदिर बन रहा है, वह ही पहला मंदिर है।

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