चडीगढ़ः पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर किले में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के एक सदस्य द्वारा महाराजा रणजीत सिंह की नौ फुट ऊंची प्रतिमा को तोड़े जाने के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
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दरअसल लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़े जाने से दुखी ब्रिटेन के लेबर सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने बुधवार को कहा कि सिख शासक का दरबार मुस्लिम, हिंदू, ईसाई और सिख चलाते हैं। ढेसी ने ट्वीट किया, “पाकिस्तान (पश्चिमी) पंजाब में चरमपंथियों से इस बात से दुखी हूं, खासकर महाराजा रणजीत सिंह कोई विदेशी आक्रमणकारी नहीं थे, बल्कि साथी पंजाबी थे, जिनका दरबार मुस्लिम, हिंदू, ईसाई और सिख चला रहे थे और जिन्होंने अपने धर्मस्थलों के निर्माण के लिए दान दिया था।” स्लॉग के सिख सांसद ने कहा, “उम्मीद है कि अधिकारी तेजी से इसकी मरम्मत करेंगे।”
पुरी ने कहा चरमपंथी विचारधाराओं को कैसे बल मिलता है
वहीं एक दिन पहले भारत में प्रतिमा को तोड़े जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं ‘खतरनाक दर’ से बढ़ रही हैं। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने महाराजा रणजीत सिंह को ‘भारत के महान एकीकरणकर्ता’ बताते हुए कहा कि इस घटना की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। पुरी ने ट्वीट किया, “उपमहाद्वीप के साझा इतिहास को मिटाने का प्रयास करने वाला यह कृत्य दिखाता है कि हमारे अस्थिर पड़ोस में चरमपंथी विचारधाराओं को कैसे बल मिलता है।”
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गौरतलब है कि 2019 में लाहौर किले में रणजीत सिंह की 180वीं पुण्यतिथि पर अनावरण के बाद से प्रतिमा को तोड़ने का यह तीसरा प्रयास था। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कार्यकर्ता को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और लाहौर किले के प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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