विशेष Featured

लड्डू और जलेबी बढ़ा रही उम्मीदवारों की मुसीबत

लखनऊः प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं, लेकिन पुलिस-प्रशासन की सख्ती उनके मंसूबों पर पानी फेर रही है। प्रदेश के कई जिलों में जहां पंचायत प्रत्याशी मिठाईयों के सहारे मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं, वहीं कुत्तों को भी प्रचार का माध्यम बना लिया है।

अमरोहा में रसगुल्लों और बागपत में लड्डू के बाद, अब जलेबी और समोसा ने पंचायत उम्मीदवारों को मुसीबत में डाल दिया है। उन्नाव जिले के हसनगंज क्षेत्र में ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार के पास से पिचवाड़ा गांव में 2 क्विंटल जलेबी और समोसा जब्त किए गए हैं। इस मामले में उम्मीदवार समेत 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। हसनगंज के इंस्पेक्टर मुकुल प्रकाश वर्मा ने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवार के पति राजू मौर्य के आदेश पर तैयार किए गए खाद्य पदार्थ मतदाताओं में बांटे जाने थे। हमने छापे मारकर सामान जब्त किया और 10 लोगों को पकड़ा। बता दें कि पिछले सप्ताह अमरोहा में ग्राम पंचायत उम्मीदवार सोहनवीर के पास से 100 किलोग्राम रसगुल्ला जब्त किया गया था, जो कि वह अपने मतदाताओं को बांटने की तैयारी कर रहा था। इसके अलावा बागपत में उम्मीदवार मोहम्मद जब्बार को भारी मात्रा में लड्डू बनाने की सामग्री मिलाने के बाद हिरासत में लिया गया था।

कुत्ते बने प्रचार का माध्यम

प्रत्याशी अपने प्रचार अभियान के दौरान तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कई जगह तो अब कुत्तों के जरिए चुनाव प्रचार हो रहा है। कम से कम दो उम्मीदवार एक रायबरेली और दूसरा बलिया जिले में अपने प्रचार करने के लिए आवारा कुत्तों का उपयोग कर रहे हैं। ये उम्मीदवार कुत्तों पर अपने पोस्टर और पर्चे चिपका रहे हैं और उन्हें इधर-उधर घूमने दे रहे हैं। नाम न जाहिर करने की अपील करते हुए एक उम्मीदवार ने कहा कि आदर्श आचार संहिता में ऐसा कोई नियम नहीं है, जो हमें प्रचार के दौरान आवारा कुत्तों का उपयोग करने से रोकता है। हम किसी भी तरह से जानवर को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। दरअसल, हम कुत्तों को हर दिन भोजन कराते हैं। यह एक उत्तम विचार है और मतदाता इस तरह के नवाचारों के प्रति आकर्षित होते हैं।

यह भी पढ़ेंः-बकाए पर अब नहीं गुल होगी ट्रैफिक सिग्नलों की बत्ती

पशु प्रेमियों ने उठाई आवाज

अभियान सामग्री वाले कुत्तों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और उन्होंने पशु प्रेमियों के कड़े विरोध प्रदर्शनों को हवा दी है, जिन्हें लगता है कि यह एक गंभीर दंडनीय अपराध है। एनिमल एक्टिविस्ट रीना मिश्रा ने कहा कि अगर चुनाव के दौरान इसी तरह के स्टीकर किसी आदमी के चेहरे पर चिपकाए जाएं तो उसे कैसा महसूस होगा ? चूंकि कुत्ते विरोध नहीं कर सकते, इसलिए हमें उनके साथ इस तरह से व्यवहार करने का कोई औचित्य नहीं है। जो प्रत्याशी चुनाव प्रचार के इस तरीके का सहारा ले रहे हैं, उनके खिलाफ पुलिस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।