नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने भारत और चीन के बीच सीमा (LAC ) विवाद को लेकर बुधवार को राज्यसभा में बयान दिया। विदेश मंत्री ने भारत-चीन संबंधों में हाल के घटनाक्रमों और पृष्ठभूमि की जानकारी दी। कल उन्होंने इस संबंध में लोकसभा में अपना वक्तव्य भी पढ़ा। विदेश मंत्री ने कहा कि 2020 में चीन द्वारा की गई एकतरफा कार्रवाई के कारण पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में शांति और सौहार्द प्रभावित हुआ।
कूटनीतिक से दोनों देशों के संबंधों में हुआ सुधार
हमारे निरंतर कूटनीतिक प्रयासों के कारण दोनों देशों के संबंधों में कुछ सुधार हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात और उससे जुड़े घटनाक्रम की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर भारत और चीन के बीच कुछ स्थानों पर समझ की कमी है। भारत के लिए सीमा पर शांति और सौहार्द संबंधों के सामान्य होने की पहली शर्त है।
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LAC का होना चाहिए सम्मान- जयशंकर
चीन के साथ बातचीत में राष्ट्रीय हितों को व्यापक रूप से साधा जा रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत का स्पष्ट मानना है कि दोनों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का सख्ती से सम्मान और पालन करना चाहिए और किसी भी पक्ष को एकतरफा तरीके से यथास्थिति में बदलाव नहीं करना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि एलएसी के कुछ हिस्सों पर चीन के साथ असहमति है, जिसे सुलझाने के लिए भारत और चीन समय-समय पर चर्चा करते हैं।
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