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Mathura: 21 हजार दीपों से जगमगा उठा रंगनाथ मंदिर, कृतिका दीपोत्सव का समापन

rangnath-mandir Kritika Deepotsav celebrated in Ranganath temple Mathura: मथुरा के वृन्दावन स्थित दक्षिण भारतीय शैली के सबसे बड़े रंगनाथ मंदिर में सोमवार देर शाम कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भव्य दीपदान किया गया। इस मौके पर मंदिर में 21 हजार दीपक जलाए गए। कृतिका दीपोत्सव के मौके पर श्रद्धालुओं में काफी खुशी देखी गई। सोमवार की देर शाम से ही यहां भक्त दीपक जलाते नजर आए और अंधेरा होते ही सभी ने दीपक जलाना शुरू कर दिया। पूरा मंदिर दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। सबसे बड़े रंगनाथ मंदिर, निजी मंदिर, परिक्रमा, गरुड़ स्तंभ, घंटा घर, पुष्कर्णी, झूला मंडप, बारहद्वारी में हर जगह रोशनी की गई और ऐसा लगा जैसे एक बार फिर से दिवाली मनाई जा रही हो। महाआरती के साथ कृतिका दीपोत्सव का समापन हुआ। भगवान रंगनाथ माता गोदा के साथ चांदी की पालकी में विराजमान होकर पारंपरिक वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि के बीच मंदिर के पूर्वी द्वार पर पहुंचे। यहां मंदिर के पुजारियों ने सबसे पहले घास-फूस से बनी झोपड़ी की विधि-विधान से पूजा की। इसके बाद उसमें अग्नि प्रज्वलित कर दी गई। ये भी पढ़ें..Jharkhand: पेड़ लगाने पर 25 यूनिट तक मुफ्त मिलेगी बिजली, जानें पूरी योजना मान्यता है कि साल में एक बार इसी प्रकार भगवान रंगनाथ की महाआरती की जाती है। मंदिर की सीईओ अनघा श्रीनिवासन ने बताया कि जहां उत्तर भारत में यह त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देव दीपावली के रूप में मनाया जाता है, वहीं दक्षिण भारत में इस दिन कृतिका दीपोत्सव मनाया जाता है। कहा जाता है कि कृतिका दीपोत्सव पर बहनें अपने भाइयों की मंगल कामना के लिए भगवान के सामने दीपक जलाती हैं और चावल की बाली और गुड़ के लड्डू बनाकर प्रसाद बनाया जाता है. जिसके बाद भाई और परिवार के सभी लोगों को प्रसाद बांटा जाता है। इसी भावना के साथ रंगनाथ मंदिर में यह उत्सव दशकों से चलता आ रहा है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)