जानिए क्या है योगी सरकार की महत्वकांक्षी योजना डिजिलॉकर, देखें पूरी डिटेल

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं को डिजिटल तकनीक से जोड़ने पर फोकस कर रही है। इसके तहत सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी योजना ‘फैमिली आईडी: एक परिवार एक पहचान’ को डिजीलॉकर पर लाइव कर दिया है। इसका मतलब यह है कि अब राज्य के नागरिक अपनी फैमिली आईडी को डिजिलॉकर पर भी एक्सेस कर सकेंगे।

राज्य के वे सभी लोग जो फैमिली आईडी के लिए पंजीकृत हैं, वे डेस्कटॉप या मोबाइल फोन के माध्यम से डिजिलॉकर पर जाकर अपनी फैमिली आईडी प्राप्त कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि फैमिली आईडी का उद्देश्य अप्रयुक्त योजनाओं में पात्र लाभार्थियों की पहचान करके योजनाओं का बेहतर कवरेज प्रदान करना, डुप्लिकेट और फर्जी लाभार्थियों को हटाना और प्रमाण के बोझ को कम करके नागरिकों के लिए योजनाओं में आवेदन को सरल बनाना है।

उपलब्ध होगा लाभार्थी और उसके परिवार का पूरा डेटा

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष फैमिली आईडी के संबंध में दिए गए प्रस्तुतीकरण में फैमिली आईडी को डिजिलॉकर पर लाइव करने की जानकारी दी गई। बताया गया कि प्रदेश के नागरिकों की सुविधा के लिए फैमिली आईडी डिजिटल कार्ड डिजीलॉकर पर उपलब्ध कराया गया है। इस कार्ड में लाभार्थी और उसके परिवार का पूरा डेटा उपलब्ध होगा।

साथ ही यह भी बताया गया कि राज्य भर के सभी परिवारों के लिए विभिन्न योजनाओं और उनके लाभों का लाभ उठाने के लिए पारिवारिक ई-पासबुक तैयार है। दृश्यता और जागरूकता में सुधार के लिए पारिवारिक ई-पासबुक विकसित किया गया है। इससे पात्र लाभार्थियों को संभावित योजनाएं ढूंढने में मदद मिलेगी। आधार नंबर डालकर फैमिली आईडी लॉग इन होगी, जिसके बाद होम स्क्रीन दिखाई देगी। इसके बाद आप पारिवारिक विवरण, योजना बही-खाता, लाभ बही-खाता जैसी महत्वपूर्ण चीजों तक पहुंच पाएंगे। इतना ही नहीं, आप यहां अपने परिवार के सदस्य या अपने लिए संभावित योजनाएं भी ढूंढ सकेंगे। साथ ही इसमें योजनाओं की पूरी जानकारी भी उपलब्ध होगी।

एक समेकित डेटाबेस के रूप में कार्य करेगी फैमिली आईडी

सक्रिय योजना वितरण को अनलॉक करने के लिए फैमिली आईडी एक समेकित डेटाबेस के रूप में कार्य करेगी। इसके तहत शिक्षा एवं कौशल के अंतर्गत बेसिक एवं माध्यमिक, उच्च एवं तकनीकी तथा कौशल एवं व्यावसायिक योजनाओं का लाभ उठाया जा सकता है।

इसी तरह समाज कल्याण एवं अधिकारिता के तहत कृषि एवं राशन, पेंशन एवं छात्रवृत्ति तथा चिकित्सा स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं में इसका उपयोग किया जा सकता है। यह रोजगार और माइक्रोफाइनेंस के तहत रोजगार के अवसरों, क्रेडिट लिंकेज और सामाजिक सुरक्षा में भी सहायक होगा।

राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, 13 विभागों की 42 योजनाओं और सेवाओं में 4।8 करोड़ लाभार्थियों को फैमिली आईडी डेटाबेस में मैप किया गया है। इतना ही नहीं, भारत सरकार की चार योजनाओं के लाभार्थियों का डेटा इससे जोड़ा गया। चार अलग-अलग विश्लेषणात्मक उपयोग मामलों में संभावित नए लाभार्थियों की पहचान की गई है। इस योजना के लाभार्थियों में से 3.61 करोड़ राशन कार्ड धारक परिवार पहले से ही एनएफएसए डेटाबेस का हिस्सा हैं। उनका राशन कार्ड नंबर ही उनकी पारिवारिक आईडी है। वहीं, गैर-राशन कार्डधारी परिवारों के लिए फैमिली आईडी के तहत नामांकन का प्रावधान किया गया है। इसके तहत 1.42 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 55 हजार की फैमिली आईडी बनाई जा चुकी है।

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डिजिलॉकर क्या है?

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि डिजीलॉकर डिजिटल इंडिया की एक पहल है, जिसमें हम अपने महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी रख सकते हैं। आपके दस्तावेज़ डिजिलॉकर में लिंक के रूप में दिखाई देते हैं। अगर आप किसी योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो दस्तावेजों की हार्ड कॉपी के बजाय वहां एक लिंक दे सकते हैं, जिससे आपके दस्तावेजों को आसानी से चेक किया जा सके। जिस आवेदक को आधार से लिंक किया जाएगा उसे 10 एमबी का व्यक्तिगत भंडारण स्थान मिलता है जिसमें दस्तावेज़ यूआरएल लिंक के रूप में सहेजे जाते हैं। इन दस्तावेजों तक पहुंचने के लिए आपको यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉगइन करना होगा, जिसके बाद आप अपने दस्तावेजों को लिंक के रूप में आसानी से देख पाएंगे। DigiLocker में डॉक्यूमेंट सेव करने से पहले इसमें एक अकाउंट बनाना होगा।

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