PM Kisan Samman Nidhi KYC: किसानों को E-KYC के लिए जागरूक करेंगे माननीय

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लखनऊः प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना (PM kisan samman nidhi) में तमाम किसानों के बैंक अकाउंट डिफाल्टर होने का खतरा बना हुआ है। हालांकि, किसानों की परेशानी दूर करने के लिए उनकी मदद करने में कृषि विभाग के अफसरों, कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों, स्थानीय विधायकों एवं सांसदों को जिम्मेदारी दी गई है। यह सभी लोग किसानों को ई-केवाईसी कराने के लिए जागरूक करेंगे।

पीएम किसान सम्मान निधि (PM kisan samman nidhi) वृहद संतृप्तीकरण अभियान में लगातार खामियां मिल रही हैं। इन खामियों की कतार इतनी लंबी होने लगी थी कि लोग एक-एक कर निदेशालय और फिर कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही तक पहुंचने लगे थे। मामला किसानों से जुड़ा होने के कारण इसमें केंद्र सरकार तक की किरकिरी होने का डर बन रहा था, लिहाजा प्रदेश मंत्रालय ने योजना (PM kisan samman nidhi) की समीक्षा कर डाली। आनन-फानन में किसानों के अकाउंट और उनके खाते में पहुंचाने वाली राशि को लेकर शिविर लगाकर समाधान निकालने के विकल्प तलाशने वालों को ही गांवों में भेज दिया गया। सूत्रों पर अगर विश्वास किया जाए तो खुद कृषि मंत्री ने 30 मई तक शिविरों का अपडेट लिया।

बताया जाता है कि 32,865 ग्राम पंचायतों में शिविर लगाए गए थे। इन शिविरों में इतने किसान पहुंचे, जिससे अफसरों के होश उड़ गए। बहरहाल, इन मामलों का निस्तारण करने के लिए ही शिविर लगाए गए थे। विभागीय आंकड़ों के अनुसार इन शिविरों में 7,73,382 किसान पहुंचे थे। इसमें 3,07,760 किसानों की समस्याओं का समाधान करने में कामयाबी मिल गई। किसानों ने जो समस्याएं दर्ज कराई थीं, उनके अनुसार ज्यादातर मामलों में पहले से की जा रही शिथिलता थी। विभाग की ओर से बताया गया कि 75,205 किसानों की ई-केवाईसी, 51,203 किसानों का भूलेख अंकन, 80,435 किसानों का आधार सीडिंग, 38,289 किसानों के अन्य समस्याओं का समाधान एवं 44,484 किसानों का ओपन सोर्स से पंजीकरण का निराकरण किया गया है। अभी किसानों की समस्याओं का पूरी तरह से समाधान भी नहीं हो सका, जबकि अधिकारियों तक और शिकायतें पहुंच रही हैं। यह जानकारी उच्चाधिकारियों तक भी पहुंचाई जा रही है, ताकि समय रहते किसानों की समस्याओं के निस्तारण संबंधी अभियान को तेज किया जा सके।

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बहरहाल, ऐसे निर्देश तो पहले से ही रहे हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों को भी विभिन्न शिविर में भेजा जाए। इन अधिकारियों के पास किसानों से निकटता बढ़ाकर योजनाओं के प्रचार-प्रसार बढ़ाने की भी जिम्मेदारी है। अब नई जानकारी के अनुसार, लखनऊ के अलावा भी जिलों में बड़े अधिकारियों को जाना होगा। 31 मई को देवरिया से इसकी शुरूआत कर 01 जून को लखनऊ के अलग-अलग ब्लाकों में अधिकारियों ने किसानों की समस्याएं सुनीं। पीएम किसान (PM kisan samman nidhi) की 14वीं किस्त मिल सके, इसलिए जरूरी है कि केवाईसी आधार कार्ड और बैंक खाते तथा भू-अभिलेख का सत्यापन अवश्य होना चाहिए। इस काम में पहले से चली आ रही खामी का नतीजा ही है कि अब विभागीय अधिकारियों को सप्ताह में कम से कम दो दिन गांवों में जाकर किसानों से ई-केवाईसी करवाना होगा।

– शरद त्रिपाठी की रिपोर्ट

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