सेव आईएनएस विक्रांत धोखाधड़ी मामले में किरीट सोमैया व उनके बेटे को बड़ी राहत

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मुंबईः मुंबई हाई कोर्ट ने बुधवार को सेव आईएनएस विक्रांत धोखाधड़ी मामले में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष किरीट सोमैया तथा उनके बेटे नील सोमैया की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने किरीट तथा नील को मुंबई पुलिस स्टेशन के समक्ष 18 अप्रैल से लगातार 4 दिन पूछताछ के लिए हाजिर होने का आदेश भी दिया है। इस दौरान अगर किरीट सोमैया की गिरफ्तारी होती हैं तो उन्हें 50 हजार रुपये की जमानत पर रिहा करने का भी आदेश दिया गया है।

बुधवार को सेव आईएनएस विक्रांत धोखाधड़ी मामले में किरीट सोमैया की अग्रिम जमानत याचिका पर एकल खंडपीठ की जज अनुजा प्रभुदेसाई के समक्ष सुनवाई हुई। किरीट सोमैया के वकील अशोक मुंदरगी ने बताया कि आवेदक पर मामला सिर्फ राजनीतिक द्वेष की वजह से दर्ज किया गया है। इस मामले में 57 करोड़ रुपये का जो आरोप लगाया गया है, उसके कहीं भी सबूत नहीं हैं। मामला 2013 का है लेकिन अब तक इस मामले में 2013 से 2022 तक किसी ने इसकी शिकायत नहीं की। इसके जवाब में सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में किरीट सोमैया की गिरफ्तारी आवश्यक है, इसके बाद ही पता चल सकेगा कि कितनी वसूली की गई है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने किरीट सोमैया को सोमवार 18 अप्रैल से लगातार चार दिन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।

किरीट सोमैया ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने एक भी पैसे का घोटाला नहीं किया है। उनके विरुद्ध मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शह पर झूठा मामला दर्ज किया गया है, अब वे महाविकास आघाड़ी सरकार के भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्रियों के विरुद्ध आवाज बुलंद करने वाले हैं।

उल्लेखनीय है कि शिवसेना नेता संजय राउत ने सेव आईएनएस विक्रांत के नाम पर किरीट सोमैया तथा उनके बेटे नील सोमैया पर पैसे वसूली करने और वसूली गई रकम राजभवन तक न पहुंचाने का आरोप लगाया था। संजय राऊत ने कहा था कि वसूली गई रकम नील सोमैया की कंपनी में इनवेस्ट की गई। राउत के आरोपों के बाद पूर्व सैनिक बबन भोसले ने किरीट तथा नील सोमैया के खिलाफ ट्रांबे पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में किरीट सोमैया ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका की थी और सेशन कोर्ट में कहा था कि वसूली गई रकम उन्होंने पार्टी को दे दी थी। लेकिन सेशन कोर्ट ने किरीट सोमैया तथा नील सोमैया की जमानत अर्जी खारिज कर दिया था।

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