खूंटी: उग्रवाद प्रभावित रनिया थाना क्षेत्र से करीब 19 साल पहले मानव तस्करी की शिकार हुई मरसा कंडुलना को जिला बाल संरक्षण इकाई और खूंटी पुलिस की टीम ने नोएडा के एक्सप्रेस वे सेक्टर 168 अरिस्ता सनवर्ल्ड के एक घर से सकुशल बरामद कर लिया है। नोएडा से मुक्त करायी गयी उक्त लड़की को लेकर खूंटी से गयी टीम गरीब रथ ट्रेन से लौट रही है।
सोमवार को लड़की को खूंटी लाने के बाद उसे समाज कल्याण विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर आगे की कार्रवाई की जायेगी। जानकारी के मुताबिक, बचाई गई लड़की जब 12 साल की थी तो उसे मानव तस्करों ने दिल्ली में बेच दिया था। पिछले महीने रनिया थाना क्षेत्र के दाहू पंचायत निवासी इलियास कंडुलना ने बताया था कि 19 साल पहले राजाडेरा गांव का ऑगस्टीन सुरीन उनकी 12 वर्षीय बेटी मरसा कंडुलना को बहला-फुसलाकर दिल्ली ले गया और वहां उसे बेच दिया।
इस संबंध में इलियास ने थाने में मामला दर्ज कराया है। इस मामले को बचपन बचाओ आंदोलन से जुड़े लोगों ने गंभीरता से लिया और बच्चे के पिता द्वारा दिये गये आवेदन को डीसी और एसपी को भेजकर उचित कार्रवाई की मांग की। इस पर डीसी व एसपी ने टीम गठित कर मानव तस्करी की शिकार बच्ची को मुक्त कराने का निर्देश दिया।
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टीम में महिला थाना प्रभारी दुलारमणि टुडू, जिला बाल संरक्षण इकाई के संरक्षण पदाधिकारी (संस्थागत देखभाल) शिवाजी प्रसाद और तपकरा थाना के एएसआई रमजानुल हक शामिल थे। लड़की को छुड़ाने के बाद खूंटी गई टीम ने जब उससे पूछताछ की तो लड़की ने बताया कि जब उसे दिल्ली लाया गया तो पहले कुछ साल तक उससे दो घरों में काम कराया गया। फिर उसे नोएडा के उक्त मकान में काम पर लगा दिया गया, जहां से उसे छुड़ाया गया।
लड़की ने बताया कि वह करीब 13 साल से इस घर में काम कर रही है, लेकिन आज तक उसे काम के बदले एक रुपया भी नहीं मिला है। घर का मालिक सुनील निरुल्ला और उसकी पत्नी उसे बंधुआ मजदूर की तरह घर में रखते थे और उससे कपड़े, बर्तन धुलवाने से लेकर अपने बच्चों की देखभाल समेत कई काम कराते थे।
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