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केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाएंगे केजरीवाल, अखिलेश से मुलाकात कर..

Kejriwal sought time to meet Kharge-Rahul
Kejriwal sought time to meet Kharge-Rahul   नई दिल्लीः केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे। केजरीवाल ने मंगलवार शाम को ट्वीट किया, "केंद्र सरकार के असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की जनता का समर्थन मांगने के लिए कल मैं और भगवंत मान लखनऊ में अखिलेश यादव से मिलेंगे।" केजरीवाल का कहना है कि केंद्र के इस दिल्ली विरोधी अध्यादेश को जब संसद से पारित कराने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया जाएगा। यह लोकसभा में पारित हो सकता है, लेकिन राज्यसभा में यदि विपक्षी दल एकजुट होकर इस अध्यादेश का विरोध करते हैं, तो यह पारित नहीं होगा। ऐसे में केंद्र द्वारा लाया गया अध्यादेश खारिज हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने पिछले सप्ताह चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी। अब इसी कड़ी में वह बुधवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। क्या है केंद्र द्वारा लाया गया अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार में सेवाओं से जुड़े मामलों में चुनी हुई सरकार को पूरा अधिकार देने का आदेश दिया था। केंद्र ने एक अध्यादेश के जरिए इस फैसले को पलट दिया है। केंद्र के अध्यादेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन अध्यादेश) 2023 के जरिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन किया है। दिल्ली में अधिकारियों के तबादले, पदस्थापना और सेवा से जुड़े फैसले अब प्राधिकरण के जरिए होंगे। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री को मुखिया बनाने की बात कही गई है, लेकिन फैसला बहुमत से होगा। राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण में दिल्ली के मुख्यमंत्री के अलावा गृह विभाग के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव सदस्य होंगे। किसी भी विवाद की स्थिति में उपराज्यपाल का निर्णय अंतिम होगा। यह भी पढ़ेंः-दुखदः सीवरेज लाइन की सफाई करने उतरे तीन मजदूरों की दम घुटने से मौत केंद्र के अंतर्गत आने वाले विषयों को छोड़कर अन्य सभी मामलों में यह प्राधिकरण दिल्ली में सेवारत ग्रुप ए और दानिक्स अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति की सिफारिश करेगा। जिस पर उपराज्यपाल अंतिम मुहर लगाएंगे। इस अध्यादेश को 6 महीने में संसद से पारित कराना होगा। इसके बाद यह कानून का रूप ले लेगा। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)