अहमदाबाद: गुजरात सत्र न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की आपराधिक मानहानि मामले में मुकदमे पर अंतरिम रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के संबंध में आप नेताओं के कथित ‘निंदनीय’ और ‘अपमानजनक’ बयानों के बाद गुजरात विश्वविद्यालय ने यह मामला दर्ज किया था।
अदालत द्वारा अंतरिम स्थगन अनुरोधों को अस्वीकार करने से संकेत मिलता है कि सुनवाई दी गई तारीख पर योजना के अनुसार आगे बढ़ेगी। सत्र न्यायाधीश एजे कनानी की अदालत ने आवेदन खारिज कर दिए आ्रप नेताओं को पहले जारी समन के जवाब में 11 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया केजरीवाल व सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्टार पीयूष पटेल के जरिए दर्ज की गई शिकायत के बाद प्रारंभ हुआ था। दोनों नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान और ट्विटर पर पीएम मोदी की डिग्री को लेकर टिप्पणी की थी। विश्वविद्यालय ने दावा किया कि ये टिप्पणी अपमानजनक थीं व संस्थान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाली थीं।
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हालाँकि, सत्र न्यायालय ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया लेकिन मामले को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। केजरीवाल और सिंह के कानूनी वकील पुनित जुनेजा ने कहा कि वे गुजरात उच्च न्यायालय से राहत मांगेंगे। मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर आप नेताओं को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 के तहत तलब किया था। यह फैसला गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा पीएम मोदी की डिग्री से संबंधित मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को रद्द करने के बाद आया है, जिसके कारण केजरीवाल और सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया गया था।
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