विशेष उत्तर प्रदेश

‘ट्रिपल अटैक‘ से बच्चों को रखें सुरक्षित: डाॅ. एपी

आईपीके, लखनऊः पारा गिरने के साथ ही प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ता जा रहा है और कोरोना का संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। कोरोना के वैक्सीन आने की चर्चा तो चल रही है, लेकिन प्रदूषण का तोड़ किसी के पास नही है। राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते लोगों का सांस लेना भी दूभर होता जा रहा है। ऐसे में बड़ों के अलावा छोटे बच्चों व नवजात शिशुओं के लिए खतरा काफी बढ़ गया है। इंडिया पब्लिक ख़बर के लखनऊ ब्यूरो इंचार्ज शरद त्रिपाठी व विशेष संवाददाता रघुनाथ कसौधन ने सिविल हाॅस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. ए.पी. पांडेय से कोरोनाकाल में सर्द के साथ बढ़ते वायु प्रदूषण में बच्चों की देखभाल व उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को लेकर बातचीत की।

प्रस्तुत हैं उसके अंशः सवाल- सर्दी के मौसम में बच्चों में कौन-कौन सी बीमारियां फैल सकती हैं ? जवाब- मौसम परिवर्तित होने की वजह से बच्चों में सर्दी, जुकाम, खांसी के अलावा इंफेक्शन ज्यादा बढ़ने पर डायरिया और निमोनिया होने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में अभिभावकों को बेहद सतर्क रहना चाहिए। बचाव के लिए छोटे बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, ठंडा खाना बिल्कुल न दें, उन्हें गर्म पानी से ही नहलाएं, बाहरी वस्तुएं जैसे- कोल्ड्रिंक, आईसक्रीम न खिलाएं और उनके शयन कक्ष का तापमान जरूर मेनटेन रखें। माता-पिता इन बातों का ध्यान रखकर अपने बच्चों को बीमारी की चपेट में आने से बचा सकते हैं।

सवाल- माता-पिता नवजात बच्चों का ध्यान कैसे रखें ? जवाब- ठंडक का मौसम तो वैसे तो सबके लिए हानिकारक होता है, लेकिन खासकर नवजात बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक होता है। थोड़ी सी भी लापरवाही होने पर नवजात बच्चे हाइपोथर्मिया का शिकार हो सकते हैं। इस बीमारी में अगर बच्चों का सही तरीके से कवर न किया गया तो उनका तापमान काफी घट सकता है। हाइपोथर्मिया के सामान्य लक्षण शरीर का पूरी तरह ठंडा पड़ जाना, तापमान बिल्कुल नीचे आना, सांस लेने में तकलीफ होने के साथ-साथ बच्चे सिसक-सिसक कर ही रो पाते हैं। ऐसे में तुरंत अभिभावकों को चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। बच्चों को हाइपोथर्मिया से बचाने के लिए उन्हें सही तरीके से कवर रखें और उनके हीटर व अन्य चीजों से उनके सोने की जगह या कमरे को गर्म रखने का प्रयास करें।

सवाल- सामान्य सर्दी-जुकान और कोविड के लक्षणों में अंतर कैसे करें ? इससे बच्चों को कैसे बचाएं ? जवाब- वायरल इन्फेक्शन और कोविड के लक्षण लगभग समान ही हैं और दोनों में अंतर कर पाना बेहद मुश्किल काम है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी बरतकर बच्चों को बचा सकते हैं। दरअसल, यदि बच्चों को सर्दी, जुकाम के अलावा खांसी आ रही है तो चिकित्सक से संपर्क कर उन्हें उचित दवाईयां दिलवाएं, लेकिन यदि तेज बुखार के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी के अलावा उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो यह कोरोना के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में अभिभावकों को तुरंत बच्चे व उनके संपर्क में रहने वाले लोगों का कोविड टेस्ट जरूर कराना चाहिए। सिविल अस्पताल में भी बच्चों के कोविड जांच की बेहतर सुविधा है और नवंबर माह में दर्जन भर से अधिक बच्चों की कोविड जांच की गई थी। जिसमें कई बच्चे पाॅजिटिव भी आए थे, जिन्हें कोविड हाॅस्पिटल में भेजा गया था।

सवाल- कोरोना वीक इम्यूनिटी वाले लोगों को सबसे ज्यादा शिकार बनाता है, ऐसे में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए माता-पिता क्या करें ? जवाब- बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने का सबसे सटीक तरीका उन्हें संतुलित भोजन दें। यदि बच्चों को बराबर संतुलित भोजन मिल रहा है तो उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता समयानुसार बढ़ती जाती है। छोटा बच्चा है तो उसे मां का दूध प्रचुर मात्रा में मिले, यदि थोड़ा बड़ा बच्चा है तो उसके भोजन में हरी सब्जियों, ड्राई फ्रूट्स और फलों को जरूर शामिल करें। एक और खास बात यह है कि माता-पिता कभी भी बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाओं का इस्तेमाल न करें, नही तो इसके साइड इफेक्ट्स बेहद घातक हो सकते हैं।

सवाल- सर्दी के सीजन में बच्चों के लिए खट्टी चीजें क्या नुकसानदायक हैं ?

जवाब- सर्दी के सीजन में बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इस समय वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है, ऐसे में बाहर की चीजों जैसे- चाट, कटे हुए फल व अन्य खाद्य पदार्थों से बिल्कुल परहेज करना चाहिए। यदि कोई फल है या खाने में खट्टी चीजें है तो वह उतना नुकसानदायक नही है, लेकिन यदि इसकी मात्रा अधिक होती है तो वह बीमार पड़ सकते हैं। सवाल- सर्दी के सीजन में वायु काफी प्रदूषित हो जाती है, इस दौरान बच्चों को प्रदूषण के प्रभाव से कैसे बचाएं ? जवाब- कोरोना का समय चल ही रहा है, ऐसे में मास्क लगाना अनिवार्य है। बहुत छोटा बच्चा है तो वह मास्क लगा नही सकता, लेकिन यदि बच्चे थोड़े बड़े हैं तो उन्हें बिना मास्क घर से बाहर बिल्कुल न जाने दें। प्रदूषित वायु अंदर जाने से श्वसन संबंधी तमाम बीमारियां बच्चों को अपनी चपेट में ले सकती हैं। सर्दी, जुकाम, खांसी, निमोनिया बहुत तेजी से फैल सकता है।

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सवाल- वायु प्रदूषण बढ़ने से क्या बच्चों में त्वचा से संबंधित बीमारियां भी फैल सकती हैं ? जवाब- अगर बच्चे बिना मास्क या फुल साइज के कपड़े पहने घर से बाहर निकल रहे हैं तो प्रदूषण के कारण उनमें डर्मेटाइटिस, खुजली, एलर्जी की समस्या पैदा हो सकती है। यदि बच्चों में एलर्जी की समस्या उत्पन्न हुई तो उससे सर्दी, जुकाम, खांसी भी बढ़ सकती हैं। यही नही यदि ज्यादा समय तक आपका बच्चा बिना किसी सुरक्षा के बाहर रहता है तो उन्हें सांस फूलने की शिकायत हो सकती है।