रुद्रप्रयागः बाबा केदार (Kedarnath) के दर्शन के लिए उमड़ रहे यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने सोनप्रयाग और गौरीकुंड में दो-दो घंटे तक हजारों यात्रियों को रोके रखा। इस दौरान पैदल मार्ग पर भीड़ कम होने पर ही यात्रियों को केदारनाथ के लिए भेजा गया। दूसरी तरफ बुधवार को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक 26470 यात्री सोनप्रयाग से केदारनाथ रवाना हुए। पिछले छह दिनों में यह दूसरा मौका है, जब इतनी अधिक संख्या में यात्री भेजे गए हैं।
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यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग और गौरीकुंड में यात्री दबाव को कम करने के लिए बुधवार को दोपहर 12 से 2 बजे तक दो-दो घंटे यात्रियों को रोका गया। यात्रा कंट्रोल रूम से बताया गया कि सुबह 8 बजे तक 18620 यात्रियों ने सोनप्रयाग से केदारनाथ (Kedarnath) के लिए प्रस्थान किया था। साथ ही धाम से दर्शन कर लौट रहे यात्रियों के कारण रास्ते पर दो तरफा काफी भीड़ रही, जिसे देखते हुए मुख्य दोनों पड़ावों पर यात्रियों को रोका गया।
इसके बाद दोपहर 2 बजे यात्रियों को धाम के लिए भेज गया। पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि दोनों स्थानों पर 4 से 5 हजार यात्रियों को रोका गया। पैदल मार्ग और धाम में अनावश्यक दबाव न बने, इसके लिए अब नियमित तौर पर अलग-अलग अंतराल पर यात्रियों को पड़ावों पर रोका जाएगा, जिससे केदारनाथ में मौजूद श्रद्धालु अच्छे से दर्शन कर सकें।
यात्रियों की सुरक्षा और यात्रा व्यवस्था के लिए आईटीबीपी की एक प्लाटून कमांडर को तैनात कर दिया गया है। यह प्लाटून मंदिर परिसर और मंदिर मार्ग पर दर्शनों के लिए खड़े यात्रियों की मदद करेगी। पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि एक प्लाटून में 30 आईटीबीपी के जवान हैं। वहीं, सोनप्रयाग और गुप्तकाशी में भी एक-एक प्लाटून कमांडर को रखा गया है। इसके अलावा पुलिस, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, यात्रा मैनेजमेंट फोर्स के जवान पहले से तैनात हैं।
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