डिजिटल तकनीक की सहायता से किसान खुद कर रहे फसलों का सर्वेक्षण: मुख्यमंत्री बोम्मई

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बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गुरुवार को कहा कि राज्य कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण के मामले में सबसे आगे है और अब तक किसानों, सर्वेक्षण संख्या और आधार विवरणों को जोड़कर 78 लाख किसानों को इस दायरे में लाया गया है। बोम्मई प्राकृतिक खेती और खेती में डिजिटल फुटप्रिंट के संबंध में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े थे। बोम्मई ने कहा, राज्य ने पहले ही भूमि सॉफ्टवेयर के साथ डिजिटलीकरण शुरू कर दिया है और सॉफ्टवेयर में 62 लाख जमींदारों और 16 लाख भूमिहीन किसानों को शामिल किया है।

उन्होंने कहा, फलों के सॉफ्टवेयर का अब अन्य राज्यों द्वारा अनुकरण किया जा रहा है। इस सॉफ्टवेयर में नियमित रूप से सुधार किया जा रहा है। केंद्र सरकार की ‘स्वामित्व’ योजना को एक अभियान के रूप में लिया है। बोम्मई ने कहा कि डिजिटल तकनीक की मदद से किसान खुद अपनी जमीन का सर्वेक्षण कर रहे हैं और अब तक 212 करोड़ भूखंडों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है।

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उन्होंने आगे कहा, किसान अपने दम पर फसल सर्वेक्षण कर रहे हैं और कुल 212 करोड़ कृषि भूखंडों में से 16,584 फसलों का सर्वेक्षण कर चुके हैं। किसी भी जटिलता से बचने के लिए, सभी किसानों के लिए सर्वेक्षण स्वयं करने के लिए कदम उठाए जाते हैं। अब तक, उन्होंने इसे बहुत ईमानदारी से किया है। प्राकृतिक खेती एक लंबी परियोजना है और अनुसंधान और प्रमाणीकरण बहुत महत्वपूर्ण है। पांच कृषि और बागवानी विश्वविद्यालयों वाले राज्य ने विश्वविद्यालयों की निरंतर निगरानी में लगभग 1,000 एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती की है। बोम्मई ने कहा, 2.4 लाख हेक्टेयर भूमि को जैविक खेती से प्राकृतिक खेती में परिवर्तित किया जा रहा है और मार्च 2023 तक अतिरिक्त एक लाख हेक्टेयर को प्राकृतिक खेती में परिवर्तित किया जाएगा।

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