Hijab विवाद: क्लास में हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी 58 छात्राएं निलंबित, दस के खिलाफ FIR

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बेंगलुरुः कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के एक कॉलेज की कम से कम 58 छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में शनिवार को निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा वहीं 17 फरवरी को तुमकुर में गर्ल्स एम्प्रेस गवर्नमेंट पीयू कॉलेज के बाहर प्रदर्शन करने पर पुलिस ने 10 छात्राओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। ये 58 छात्राएं शिरालाकोप्पा के गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की हैं। प्रिंसिपल के अनुसार, हालांकि कॉलेज प्रबंधन, विकास समिति ने हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की जिद करने वाली छात्राओं को उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के बारे में समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने नहीं सुना और हिजाब पहनने के लिए दबाव डाला। इसलिए, उन्हें अस्थायी रूप से कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है।

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हंगामे के बाद कॉलेज अनिश्चित काल के लिए बंद

गुस्साए छात्रों की कॉलेज अधिकारियों के साथ बहस हो गई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए हस्तक्षेप किया। बेलागवी, यादगीर, बेल्लारी, चित्रदुर्गम और श्यामोग्गा जिलों में भी उस समय तनाव व्याप्त हो गया जब हिजाब पहनकर आई छात्राओं ने कक्षाओं में प्रवेश की मांग की। दरअसल बेलागवी में विजय पैरा-मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने विरोध के कारण अनिश्चित काल के लिए छुट्टी घोषित कर दी है, वहीं हरिहर में एसजेवीपी कॉलेज की छात्राओं ने हिजाब मामले में चल रही सुनवाई के दौरान अंतिम आदेश से पहले कोई भी धार्मिक प्रतीक नहीं पहनने के फैसले के बाद कक्षाओं में प्रवेश से वंचित होने के बाद कक्षाओं का बहिष्कार किया। इसके अलावा हिजाब पहनकर आई छात्राओं को जब कक्षाओं से बाहर कर दिया गया तो वे बल्लारी सरलादेवी कॉलेज के खेल मैदान में जमा हो गईं।

उन्होंने पुलिस से बात करने से इनकार कर दिया और उन्हें परेशान नहीं करने की गुजारिश की। कोडागु में, हिजाब पहनकर आई छात्राओं ने कॉलेज के गेट के सामने तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया। राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने एक बयान में कहा, “हिजाब विवाद सभी कॉलेजों में नहीं है। बहुत कम कॉलेज विरोध प्रदर्शन का सामना कर रहे हैं और उन्हें चेतावनी दी जा रही है। कॉलेजों के आसपास के क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है।” उन्होंने कहा कि इसका उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार किया गया है और कई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

चेतावनी के बावजूद नहीं मान रही छात्राएं

मंत्री ने आगे कहा कि इस विवाद के पीछे सांप्रदायिक ताकतें हैं, जिन्हें चेतावनी दी गई है और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई कहता है कि संविधान और अदालत की अनदेखी की जा सकती है तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को अल्पसंख्यक समुदाय के विधायकों ने उन्हें हिजाब विवाद को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। मंत्री ने कहा, “मैंने उनसे कहा है कि स्कूल में एकरूपता होनी चाहिए। इसके अलावा मैंने उनसे कहा है कि हमें संयुक्त रूप से इस स्थिति से उबरना चाहिए।”

इस बीच, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह हिजाब विवाद के संबंध में सभी जानकारी प्राप्त करेंगे। शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय के नेता अदालत द्वारा जारी अंतरिम आदेश के साथ हैं। उन्होंने कहा, “हम लोगों को हिजाब विवाद के संबंध में अंतरिम आदेश के बारे में समझाना जारी रखेंगे और उनमें से ज्यादातर आदेश का पालन कर रहे हैं। एक दुष्प्रचार है, जो शिक्षा पर धर्म को थोपने की कोशिश कर रहा है।”

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