Home फीचर्ड Karnataka Election: भाजपा नेताओं की बगावत से उपजे हालात को नियंत्रित करने...

Karnataka Election: भाजपा नेताओं की बगावत से उपजे हालात को नियंत्रित करने हुबली जाएंगे जेपी नड्डा

jp-nadda-hubli-tour

नई दिल्लीः भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (jp nadda) मंगलवार को हुबली के दौरे पर जा रहे हैं। नड्डा मंगलवार शाम को हुबली में 2 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे, लेकिन उनके इस हुबली दौरे को पार्टी के दिग्गज नेता रहे जगदीश शेट्टार की बगावत से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि शेट्टार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब पार्टी उनके प्रभाव वाले इलाके में डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. इसलिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा खुद उस इलाके के दौरे पर जा रहे हैं।

जेपी नड्डा (jp nadda) मंगलवार शाम को हुबली में इंटेलेक्चुअल लोगों के साथ वार्ता कर उन्हें भाजपा सरकार की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी देंगे। इसके बाद नड्डा हुबली में एक अन्य स्थान पर शक्ति केंद्र प्रमुखों के सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। हालांकि इसके साथ ही वह सीएम बोम्मई और राज्य के अन्य बड़े नेताओं से चुनावी तैयारियों, पार्टी में बगावत और डैमेज कंट्रोल के तरीकों पर भी अहम चर्चा करेंगे।

ये भी पढ़ें..Ghazipur: सरकारी आवास में मिला एसडीएम का शव, कुछ दिन पहले मनाया था बेटी का बर्थडे

टिकट न मिलने से नाराज राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद सोमवार रात को ही भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर महेश तेंगिंकाई को हुबली धारवाड़ मध्य विधानसभा क्षेत्र की शेट्टार विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया। लेकिन शेट्टार को लिंगायत समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है, इसलिए बीजेपी भी उनके प्रभाव वाले इलाके में बड़े पैमाने पर डैमेज कंट्रोल की कवायद में जुट गई है। जहां एक तरफ बीजेपी शेट्टार को उनकी ही विधानसभा सीट पर अटकाए रखने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी शेट्टार और उनके जैसे अन्य बागी नेताओं को भी बीजेपी के पुराने नेताओं में वापस लाने की कोशिश कर रही है। नेताओं और समर्पित मतदाताओं को जाने से रोका जाए।

कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं और नतीजे 13 मई को आएंगे। भाजपा ने पहली सूची में 189, दूसरी सूची में 23 और तीसरी सूची में 10 यानी विधानसभा के लिए 222 उम्मीदवारों की घोषणा की है। लेकिन इस बार उसके बागी पार्टी के लिए सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं, इसलिए पार्टी को बगावत से होने वाले नुकसान को नियंत्रित या कम करने के लिए शीर्ष स्तर पर लड़ाई लड़नी होगी।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

Exit mobile version