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Karnataka Bandh: कर्नाटक में बंद का बड़ा असर, 44 उड़ानें रद्द, हिरासत में लिए गए कई प्रदर्शनकारी

kaveri-river-dispute-Karnataka-Bandh Karnataka Bandh- बेंगलुरुः तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़े जाने को लेकर कर्नाटक बंद को व्‍यापक समर्थन मिला है। इससे राज्य की राजधानी सहित अन्‍य इलाकों में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हालांकि राज्य से हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई है, लेकिन बंद का पूरे राज्य में व्यापक असर रहा। पुलिस ने इस सिलसिले में 25 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसी बीच बेंगलुरु एयरपोर्ट पर आने-जाने वाली 44 फ्लाइट्स को भी रद्द कर दिया गया है।

कर्नाटक बंद में ये संगठन शामिल

बता दें कि कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के पानी को लेकर दशकों से विवाद बना हुआ है। इसी को लेकर कर्नाटक में किसानों और दूसरे कई संगठनों ने मिलकर बंद का ऐलान किया है। हालांकि हिंसा और बवाल की आशंका के चलते शहर के चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं 'कर्नाटक बंद' के आह्वान से सामान्य जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। खासकर राज्य के दक्षिणी हिस्से में बंद का असर अधिक है। कन्नड़ ओक्कुटा में कर्नाटक रक्षणा वेदिके, कन्नड़ चलवली (वटल पक्ष) के गुट और विभिन्न किसान संगठन शामिल हैं, जिन्होंने राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। ये भी पढ़ें..Mumbai Diaries 2 Trailer : मोहित रैना कैसे करेंगे बारिश की तबाही का सामना, सीज़न-2 में क्या होने वाला है?

44 उड़ानें रद्द

बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 44 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। इनमें से 22 को यहां से उड़ान भरनी थी, जबकि 22 को उतरना था। एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि परिचालन कारणों से इन्हें रद्द किया गया है और यात्रियों को इनके बारे में सूचित कर दिया गया है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि कावेरी विवाद के कारण ये उड़ानें रद्द की गई हैं, क्योंकि कई यात्रियों ने अपने टिकट रद्द कर दिए थे।

जानें क्या है कावेरी विवाद?

दरअसल, कावेरी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है। हालिया विवाद तब शुरू हुआ जब कर्नाटक सरकार ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन शीर्ष अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया। सीडब्ल्यूएमए के आदेश में कर्नाटक को 13 सितंबर से 15 दिनों के लिए तमिलनाडु के लिए 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने को कहा गया था। जबकि कर्नाटक सरकार का कहना है कि वह पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि उनके राज्य में भी पीने के पानी और सिंचाई के लिए इसकी जरूरत है।

राज्य में भारी संख्या में पुलिसबल तैनात

उधर, कर्नाटक पुलिस ने प्रमुख कन्नड़ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है। प्रमुख नेताओं में से एक वाटल नागराज बुर्का और प्लास्टिक का घड़ा पहनकर विरोध प्रदर्शन में आए। वतल नागराज ने कन्नड़ कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर सीएम सिद्धारमैया और कांग्रेस सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, सरकार बंद का समर्थन नहीं कर रही है। पुलिस उन पर बंद या विरोध प्रदर्शन न करने का दबाव बना रही है। पूरा राज्य पुलिस राज्य में तब्दील हो गया है। पुलिस गुंडों की तरह काम कर रही है। वतल नागराज ने कहा कि अकेले बेंगलुरु में 50,000 पुलिस तैनात हैं। अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)